अफगान उपराष्ट्रपति ने दिलाई 1971 में भारत से करारी हार की याद
पाकिस्तान और अफगान के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच गुरुवार को भी वाकयुद्ध जारी रहा.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. मोईद यूसुफ ने कहा कि काबुल रोज-ब-रोज अपने वरिष्ठ अधिकारियों के “मूर्खतापूर्ण बयानों” से शर्मिंदा हो रहा है.
इससे द्विपक्षीय संबंध खराब हो रहे हैं. इससे पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को उकसाने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाई थी.
पाकिस्तानी सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अफगानिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को बर्बाद करना चाहते हैं।
मोईद ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा कि अफगान अधिकारी अपने कटु और भ्रांतिपूर्ण बयानों’ के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच में द्वीपक्षीय रिश्तों को बिगाड़ना चाहते हैं ताकि वे अपनी असफलता से ध्यान हटा सकें.
अशरफ गनी ने कहा था कि पिछले महीने 10,000 ‘जिहादी’ लड़ाके पाकिस्तान से अफगानिस्तान में एंट्री किए हैं.
जबकि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार तालिबान को चल रही शांति वार्ता में “गंभीरता से बातचीत” करने के लिए मनाने में विफल रही है.
इस पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान उखड़ गए और कहा कि अफगानिस्तान में अशांति का सबसे ज्यादा खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ा है.
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोला
डॉक्टर मोईद ने कहा, ‘अफगानिस्तान इन दिनों हर दिन मूर्खतापूर्ण बयानों से शर्मिंदा हो रहा है।’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सबको मिलाकर अफगानिस्तान के राजनीतिक समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि पाकिस्तान और तालिबान आतंकियों की नापाक दोस्ती के खिलाफ अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मोर्चा खोल दिया है।
अमरुल्ला सालेह अफगान राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को नमाज के दौरान रॉकेट हमले के बाद कुछ देर के लिए झुक गए थे, इस पर पाकिस्तानी और तालिबान उन्हें ट्विटर पर ट्रोल करने लगे।
अफगान उपराष्ट्रपति ने भारत की एक तस्वीर पोस्ट कर पाकिस्तानी ट्रोल आर्मी की बोलती बंद कर दी।