जहां दुनिया का ध्यान कोरोना और रूस-यूक्रेन जंग पर है, वहीं ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने अमेजन के जंगल के लिए एक भयानक भविष्यवाणी की है। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च के अनुसार, अमेजन का तीन-चौथाई हिस्सा एक ऐसी स्थिति में पहुंच रहा है, जिसमें वह खुद जल जाएगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जला हुआ जंगल कभी रिकवरी नहीं कर पाएगा इसका मतलब कि यह मैदानों में तब्दील हो जाएगा। अमेजन की मदद इंसान भी नहीं कर सकेंगे।
पेड़ों का अवैध कटाव और ग्लोबल वार्मिंग अमेजन जंगल की सहनशक्ति कम करते जा रहे हैं। इन कारणों से बारिश होने की पूरी प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ रहा है। रिसर्च के मुताबिक, एक समय ऐसा आएगा जब अमेजन के इलाके में बहुत कम बारिश होने लगेगी। इससे जंगल अपने आप सूख जाएगा, जिस वजह से यहां आग भी लग सकती है। जंगल कम यानी बारिश कम। अमेजन इस भयावह चक्र में फंसकर अपने आप ही खत्म होता जाएगा।
ब्रिटिश इंग्लैंड की एक्सेटर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 25 सालों का सैटेलाइट डेटा निकालकर इस स्टडी को तैयार किया है। अमेजन जंगल बदलते वातावरण से किस तरह लड़ता है, रिसर्चर्स ने यह समझने की कोशिश की। उन्होंने अमेजन पर प्राकृतिक आपदाओं, जंगलों के कटाव, इंसानी गतिविधियों और अचानक से आने वाले मौसमी बदलाव के असर की जांच की। अमेजन पूरी तरह नष्ट होगा, इस रिसर्च जारी है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, साल 2000 से ही अमेजन जंगल की सहनशक्ति खत्म होती जा रही है। जंगल की सहनशक्ति का मतलब है कि जंगल किस तरह प्राकृतिक आपदाएं और मुसीबतें झेलने के बाद खुद को रिकवर करता है। रिकवरी देरी से होने या न होने पर जंगल के पेड़-पौधों, नदियों और वहां रह रहे जीवों को दुनिया से खत्म होने का खतरा रहता है।
यह एक सूखा इलाका है जहां बारिश बेहद कम होती है।