• Sun. Nov 10th, 2024

    मार्च का महीना शुरू हुआ तो हल्की-हल्की ठंड बाकी थी, लेकिन होली के आसपास पारा अचानक आसमान चढ़ने लगा। बीते मार्च में इतनी ज्यादा गर्मी पड़ी है कि 121 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। भारत में जब से मौसम का हिसाब-किताब रखा जा रहा है तब से ही मार्च महीने में इतनी गर्मी कभी नहीं पड़ी।

    उत्तर भारत के राज्यों राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली के अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी गर्मी की तपिश महसूस की गई है। चौंकाने वाली बात ये है कि समुद्र तटीय इलाकों और हिमाचल की तलहटी वाले क्षेत्रों में भी तापमान औसत से काफी ज्यादा बना हुआ है।

    हमने मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट आरके जेनामनि और स्काईमेट।

    के वेदर एक्सपर्ट महेश पलावत से तपती गर्मी को लेकर बात की है।

    उनका कहना है कि मार्च में इतना तापमान बढ़ना सामान्य घटना नहीं है।

    मार्च में इतना ड्राई मौसम रहना बहुत ही अजीब है।

    हमने एक्सपर्ट से इस असामान्य गर्मी के कारण और भविष्य के अनुमानों को समझा है।

    भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भी पुष्टि की है कि 1901 के बाद अब तक मार्च के महीने में इतना तापमान देखने को नहीं मिला।

    2022 में देश का अधिकतम औसत तापमान 33.10 डिग्री सेल्सियस रजिस्टर किया गया है।

    वहीं इसके पहले मार्च 2010 में अधिकतम औसत तापमान 33.09 डिग्री सेल्सियस था।

    मौसम से जुड़ी जानकारी देने वाली संस्था स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलावत कहते हैं।

    “दिल्ली के लिए ये अब तक का चौथा सबसे गर्म मार्च का महीना रहा है।

    पिछले 10 सालों में न्यूनतम तापमान का औसत वो भी दिल्ली में सबसे ज्यादा 17.6 रहा है।

    साफ है कि इन इलाकों में सीवियर हीट वेव चल रही है और ये ऐतिहासिक भी है।”

    वहीं जब ये 4.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता वो हीट वेव की कैटेगरी में आता है।

    Share With Your Friends If you Loved it!