सिवनी के मोगली लैंड पेंच नेशनल पार्क में हाल ही में पर्यटक उस वक्त रोमांचित हो उठे, जब उन्होंने एक साथ दो बाघों को देखा। ये बाघ गर्मी से निजात पाने के लिए तालाब के पास आए थे। इनमें से एक तो काफी देर तक पानी के अंदर ही बैठा रहा। वहीं दूसरा पानी के बाहर रहा।
तेज गर्मी के बाद भी इन दिनों पेंच नेशनल पार्क में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। सुबह से लेकर शाम तक काफी संख्या में सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि पर्यटकों को बाघ का दीदार भी आसानी से हो रहा है, क्योंकि गर्मी के मौसम में वे जल स्त्रोतों के पास आ जाते हैं।
पर्यटकों ने कैमरे में कैद किया नजारा
वायरल हो रहे नेशनल पार्क के इस वीडियो में पहले एक बाघ तालाब में बैठा नजर आ रहा है। इसी दौरान एक और बाघ वहां आ गया। पर्यटकों ने बताया कि एक बाघ पानी के अंदर ही रहा और दूसरा पानी पीकर घूमता रहा। पर्यटकों ने पेंच पार्क के इस रोमांचक दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया।
इसी जंगल में मोगली का जन्म हुआ था और वो जंगली जानवरों के बीच पला-बढ़ा था
गर्मी के बावजूद बढ़ी पर्यटकों की संख्या
पेंच पार्क प्रबंधन के मुताबिक आम दिनों की अपेक्षा शनिवार|
रविवार के दिन सैलानियों की संख्या अच्छी खासी रह रही है।
यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए पार्क प्रबंधन ने 99 गाड़ियों की व्यवस्था की है।
आम दिनो में 30 से 35 गाड़ियां बुक होती हैं।
वहीं शनिवार और रविवार को लगभग पूरी टूरिस्ट गाड़ी बुक हो जाती है।
इसके लिए 3 हजार रुपए चार्ज किया जाता है।
स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने की वजह से पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है।
इसी जंगल में हुआ था मोगली का जन्म
दुनियाभर के बच्चों में लोकप्रिय फिल्म जंगल बुक मध्यप्रदेश के ही एक जंगल की कहानी है।
इसी जंगल में मोगली का जन्म हुआ था और वो जंगली जानवरों के बीच पला-बढ़ा था।
यह जंगल है, मध्यप्रदेश के सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व का।
दुनियाभर में प्रसिद्ध मोगली के जीवन से जुड़ी कहानियों को दूर-दूर तक फैलाने के लिए राज्य स्तरीय मोगली उत्सव का आयोजन किया जाता है।
जंगल बुक का पुस्तक के रूप में प्रथम प्रकाशन वर्ष 1894 हुआ था।
1894 में लिखी गई जंगल बुक के बाद 1895 में आई रुडयार्ड किपलिंग की द सेकंड जंगल बुक भी काफी पसंद की गई।