भारत में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी खतरा दोबारा बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कोरोना होने पर महिलाओं को अस्पताल और ICU में भर्ती होने का जोखिम ज्यादा होता हैकोरोना से प्रीटर्म बर्थ । हाल ही में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया (UBC) की एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में कोरोना होने के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले ही हो सकता है।
6,012 प्रेग्नेंट महिलाओं पर हुई रिसर्च
यह रिसर्च जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित हुई है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में 6,012 ऐसी प्रेग्नेंट महिलाओं को शामिल किया था, जो कोरोना संक्रमण की शिकार थीं। इनमें से 466 को अस्पताल में और 121 को ICU में भर्ती होना पड़ा। लगभग 35.7% मामलों में कोरोना का पता प्रेग्नेंसी के 28 से 37 हफ्तों के बीच चला।
कोरोना से प्रीटर्म बर्थ के लिए भी खतरा दोबारा बढ़ता जा रहा है
कोरोना से प्रीटर्म बर्थ का खतरा
वैज्ञानिकों ने पाया कि ICU में भर्ती होने का खतरा उम्र और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोमोर्बिडिटीज पर भी निर्भर करता है।
साथ ही, जो गर्भवती महिलाएं कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकी हैं|
उनमें ये खतरा बेहद कम हो जाता है।
UBC की रिसर्च में शामिल डॉ एलिजाबेथ मैक क्लायमोंट कहती हैं|
कि हॉस्पिटलाइजेशन के साथ-साथ प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना से प्रीटर्म बर्थ यानी समय से पहले जन्म का भी खतरा होता है।
इससे बच्चे को भविष्य में गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं|
जो आजीवन चल सकती हैं।
स्वस्थ बच्चे के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी
UBC के प्रोफेसर डेबोराह मनी का कहना है कि वैक्सीन प्रेग्नेंट महिला और उसके बच्चे दोनों के लिए ही जरूरी है।
साथ ही, कोरोना से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी करना चाहिए।
इसमें मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग करना और भीड़ से बचना शामिल हैं।
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक|
प्रेग्नेंसी के पहले या उसके दौरान वैक्सीन लगवाने से कोरोना से बचा जा सकता है।
अगर कोई प्रेग्नेंट महिला वैक्सीन नहीं लगवाती है|
तो गर्भ में बच्चे के विकास से जुड़ी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।