PM मोदी आज कुछ घंटे के लिए नेपाल दौरे पर जा रहे हैं। बतौर PM मोदी की यह पांचवी नेपाल यात्रा है। इस दौरे को दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों के लिहाज काफी अहम माना जा रहा है। इसके अलावा देश की राजनीति से भी इसे जोड़कर देखा जा सकता है।
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी और
प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा लुम्बिनी में मुलाकात करेंगे।
इस दौरान वो दोनों देशों के बेहतर संबंध को लेकर चर्चा करेंगे।
एक दूसरे के हितों के मुद्दों पर भी बातचीत होगी।
बहरहाल, सवाल ये है कि मुलाकात के लिए लुम्बिनी ही क्यों, काठमांडू या कोई|
और शहर क्यों नहीं? हम आपको बताते हैं क्यों|
दरअसल, आज बुद्ध पूर्णिमा है और आज ही नेपाल के प्रधानमंत्री और मोदी मुलाकात करेंगे।
ये बात गौर करने वाली है कि भगवान गौतम बुद्ध का जन्म लुम्बिनी में ही हुआ था।
भारत में बौद्ध लोगों की आबादी भले ही कम हो|
लेकिन भारत का इतिहास बुद्ध और बौद्ध धर्म के बिना पूरा नहीं होता।
नेपाल में बौद्ध दूसरी बड़ी आबादी है।
सिर्फ लुम्बिनी में ही 1 लाख 58 हजार बौद्ध रहते हैं।
जब ये मुलाकात लुम्बिनी में होगी, तो भारत|
नेपाल की साझी बौद्ध विरासत दोनों के राजनीतिक संबंध भी बेहतर होंगे।
PM मोदी आज कुछ घंटे के लिए नेपाल दौरे पर जा रहे हैं
लुंबिनी जाने से भारत-नेपाल के राजनीतिक रिश्ते तो मजबूत होंगे ही|
साथ बौद्ध कूटनीति से एशिया को भी एक सूत्र में भी बांधा जा सकता है।
दरअसल, दुनिया की बड़ी बौद्ध आबादी चीन, नेपाल भूटान, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों में रहती है।
इसीलिए की भारतीय जुड़े और बौद्ध कूटनीति से एशिया को एकता के सूत्र में बांधा जा सकता है।
सियासी इशारे भी
भारत में बौद्ध धर्म के मानने सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में हैं। यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
राज्य में फिलहाल, कांग्रेस-NCP और शिवसेना की सरकार है और भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा का धार्मिक के साथ राजनीतिक महत्व भी माना जा सकता है।
यहां से वो महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और देश के बाकी बौद्धों को भाजपा से जोड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।