बीते कई महीनों से भयंकर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका में बुधवार को नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा। इस पद के लिए तीन उम्मीदवार दौड़ में हैं। बता दें कि प्रदर्शनकारियों के जबरदस्त विरोध के बाद गोटाबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था और साथ ही देश छोड़कर जाना पड़ा था।
राजपक्षे मालदीव होते हुए सिंगापुर चले गए थे। उनके इस्तीफे का आधिकारिक एलान होने के बाद श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने जमकर खुशी मनाई थी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दफ्तर को खाली कर दिया था। गोटाबाया राजपक्षे के भाई और प्रधानमंत्री रहे महिंदा राजपक्षे को भी अपना पद छोड़ना पड़ा था।
श्रीलंका का नौवां राष्ट्रपति बनने के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, सांसद दुल्लास अल्हाप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच मुक़ाबला है।
रानिल विक्रमसिंघे
गोटाबाया राजपक्षे ने मुल्क छोड़ने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति के रूप में नामित किया था। रानिल विक्रमसिंघे 5 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और श्रीलंका में पिछले दौर में बने खराब हालातों का सामना करने का अनुभव उनके पास है।
क्रॉस वोटिंग की संभावना
राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए संसद में 113 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 20 जुलाई को होगा। यह चुनाव सीक्रेट बैलेट के जरिए होगा और इसमें कोई भी राजनीतिक दल अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकता। ऐसे में यह अनुमान है कि राष्ट्रपति के चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है।
निश्चित रूप से कई महीनों से लंबे पावर कट, दवाइयों, खाने पेट्रोल-डीजल सहित जरूरी चीजों की कमी से जूझ रहे श्रीलंका के लोगों को एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो उन्हें जल्द से जल्द मुसीबतों से राहत दिला सके।