मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच बाइडन प्रशासन ने अमेरिका में गुरुवार को मंकीपॉक्स के प्रकोप को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। देश के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। दुनिया में यूरोप के साथ-साथ अमेरिका में भी मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कदम से बीमारी से लड़ने के लिए अतिरिक्त धन और उपकरण को मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका में 6600 से ज्यादा मामले
अमेरिका में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों की संख्या बुधवार को 6,600 को पार कर गई, जिसके बाद बाइडन प्रशासन (Biden Administration) ने यह फैसला लिया। संक्रमितों में लगभग सभी पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुष हैं। अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री जेवियर बेसेरा (Xavier Becerra ) ने एक ब्रीफिंग में कहा, “हम इस वायरस से निपटने के लिए अपनी प्रतिक्रिया को अगले स्तर तक ले जाने के लिए तैयार हैं, और हम हर अमेरिकी से मंकीपॉक्स को गंभीरता से लेने का आग्रह करते हैं।”
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक रोशेल वालेंस्की (Rochelle Walensky) ने स्वास्थ्य मंत्री बेसेरा के साथ बोलते हुए कहा कि “सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा से मंकीपॉक्स के आंकड़ों की उपलब्धता में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।” कैलिफोर्निया (California), इलिनोइस (Illinois) और न्यूयॉर्क (New York) द्वारा आपात स्थिति की घोषणा के बाद बाइडन ने इस महीने की शुरुआत में दो शीर्ष संघीय अधिकारियों को मंकीपॉक्स के लिए अपने प्रशासन की प्रतिक्रिया का समन्वय करने के लिए नियुक्त किया था।
बाइडन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौची ने गुरुवार को बताया कि मंकीपॉक्स प्रकोप पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत समलैंगिक समुदाय के नेताओं को शामिल करना महत्वपूर्ण है, लेकिन जीवन शैली को कलंकित करने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि “समलैंगिक समुदाय वचनबद्धता हमेशा सफल साबित हुई है।”
जब कोविड-19 महामारी फैली थी, उस वक्त उसका कोई वैक्सीन नहीं था, लेकिन मंकीपॉक्स के लिए पहले से ही टीके और उपचार उपलब्ध हैं। इसे पहली बार 1970 के दशक में अफ्रीका में बनाया गया था। अमेरिकी सरकार ने जुलाई के मध्य तक देश भर में 1,56, 000 मंकीपॉक्स के टीके की खुराक वितरित की थी। साथ ही बवेरियन नॉर्डिक (BAVA.CO) वैक्सीन की अतिरिक्त 25 लाख खुराक का आदेश दिया है।
WHO मंकीपॉक्स को घोषित कर चुका है वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी बीते 23 जुलाई को मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। जो इसका उच्चतम अलर्ट स्तर है। पिछले महीने डब्ल्यूएचओ की घोषणा एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को शुरू करने के लिए डिजाइन की गई थी और इसका मकसद टीकों और उपचारों के सहयोग के लिए धन जुटना था। यह बीमारी मध्य और पश्चिम अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दशकों से है, लेकिन यह बाहर इतने व्यापक रूप से नहीं फैली थी।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का प्रतिनिधित्व करता है।डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा, “एक महीने पहले मैंने यह आकलन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत आपातकालीन समिति बुलाई थी कि क्या बहु-देशीय मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का प्रतिनिधित्व करता है। उस बैठक में अलग-अलग विचार व्यक्त किए गए थे। समिति ने सर्वसम्मति से माना कि प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता के सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उस समय 47 देशों से मंकीपॉक्स के 3040 मामले सामने आए थे। तब से इसका प्रकोप लगातार बढ़ रहा है।
वैश्विक मंकीपॉक्स का अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल
टड्रोस ने कहा, “डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि यूरोपीय क्षेत्र को छोड़कर, मंकीपॉक्स का विश्व स्तर पर सभी क्षेत्रों में मध्यम जोखिम है। यह आगे अंतरराष्ट्रीय प्रसार का एक स्पष्ट जोखिम भी है, हालांकि अतंरराष्ट्रीय यातायात में हस्तक्षेप का जोखिम फिलहाल कम है। तो संक्षेप में हमारे पास एक प्रकोप है जो संचरण के नए तरीकों से दुनियाभर में तेजी से फैल गया है, जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं और जो अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों में मानदंडों को पूरा करता है। इन सभी कारणों से मैंने तय किया है कि वैश्विक मंकीपॉक्स का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय चिंता का एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स बीमारी की पहचान पहली बार 1958 में बंदरों में की गई थी। इस बीमारी में बुखार, दर्द और मवाद से भरे त्वचा के घावों के हल्के लक्षण होते हैं और लोग दो से चार सप्ताह के भीतर इससे ठीक हो जाते हैं। यह निकट शारीरिक संपर्क से फैलता है और शायद ही कभी घातक हो सकता है।