आज श्रीकृष्ण का 5249वां जन्मोत्सव है। रात के आठवें मुहूर्त में भगवान का जन्म हुआ था, इसलिए आज रात 12.05 के बाद 12:45 तक मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा और इस्कॉन मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्म पर्व मनेगा। लोग अपने घरों में भी इस समय कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे। आधी रात के मुहूर्त के साथ ही पूजा के लिए दिनभर में कुल पांच मुहूर्त रहेंगे। इस त्योहार पर आठ बड़े शुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसा पिछले 400 सालों में नहीं हुआ। इसलिए ये जन्माष्टमी पर्व बहुत खास है।
कृष्ण जन्मोत्सव पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के सेवा अधिकारी पं. अंकित गोस्वामी, गुजरात के द्वारका मंदिर के मुख्य पुजारी पं. प्रणव ठाकर और जगन्नाथ पुरी के प्रधान पुजारी दुर्गा प्रसाद दास महापात्र बता रहे हैं, घर में किस तरह आसान विधि से कर सकते हैं श्रीकृष्ण की पूजा।
व्रत का महत्व: सेहत के लिए भी अच्छा और मन के लिए भी
ये परंपरा सेहत के नजरिये से भी खास है। क्योंकि इस पर्व पर बारिश का मौसम होता है। जिससे खाना देरी से और कम पचता है। इस कारण बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है। ये ही वजह है कि व्रत-उपवास करने से मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है और सेहत में भी सुधार होता है।
पुराणों में कहा गया है इस दिन बिना अन्न खाए भगवान कृष्ण की पूजा करने से पिछले तीन जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती है। जन्माष्टमी पर उपवास के साथ श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। अष्टमी को जया तिथि भी कहते हैं, यानी यह जीत दिलाने वाली तिथि है। इस उपवास से सभी कामों में जीत मिलती है। उपवास इसलिए ताकि भगवान की पूजा करते समय मन, शरीर और विचार शुद्ध रहें। रोग, कष्ट और दरिद्रता खत्म होती है। कृष्ण सुख और समृद्धि देते हैं।