महाराष्ट्र में सियासत फिर गरमा गई है। मुद्दा 1.54 लाख करोड़ रुपए की लागत से लगने वाले सेमीकंडक्टर प्लांट का है। यह प्लांट महाराष्ट्र के बदले गुजरात में लग रहा है। इससे विपक्ष शिंदे सरकार से सवाल कर रहा है कि महाराष्ट्र से डील लगभग पक्की हो गई थी, तो यह प्लांट गुजरात कैसे चला गया?
आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर निशाना साधा
भारतीय उद्योग समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपए के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएगी।
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए), जब सत्ता में थी तब इस परियोजना को बहुत मजबूती से आगे बढ़ाया था। हमारी एमवीए सरकार इसे अंतिम चरण में ले आई थी। मौजूदा सरकार ने संभावित निवेशकों का विश्वास खो दिया है, इसलिए इस तरह की बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रही हैं। आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेगा प्रोजेक्ट ने 160 सहायक उद्योगों का समर्थन किया होगा और 70,000 से 1 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पिछली एमवीए सरकार कंपनी के संपर्क में थी और इस साल जनवरी में इसके प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी हुई थी।
महाराष्ट्र से छीना गया प्लांट: अजीत पवार
एनसीपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह प्लांट राजनीतिक दबाव में महाराष्ट्र से छीना गया है, जिसे वापस लाना होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार को अभी भी पूरी कोशिश करनी चाहिए और इस महाराष्ट्र में स्थापित करना चाहिए। पवार ने कहा कि अगर यह प्लांट महाराष्ट्र नहीं आया तो राज्य के आर्थिक विकास के लिए बड़ा झटका होगा। उन्होंने कहा कि डील छिन जाना राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए महंगा पड़ेगा।