उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली ‘सांस्कृतिक एवं पर्यटन राजधानी’ घोषित किया गया। एससीओ के नेताओं ने वाराणसी को वर्ष 2022-23 के लिए समूह की पहली ‘पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में समर्थन दिया। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में यह जानकारी दी। उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
क्वात्रा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी 2022-23 के दौरान वाराणसी को एससीओ पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सभी सदस्य देशों को धन्यवाद दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत और क्षेत्र के बीच अधिक सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों के द्वार खोलता है।’’
विदेश सचिव ने कहा कि वाराणसी को मिली इस पहचान का जश्न मनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के सहयोग से कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। क्वात्रा ने कहा कि एससीओ ने भारत की पहल पर ‘स्टार्टअप’ और नवोन्मेष पर एक विशेष कार्य समूह स्थापित करने का भी फैसला किया है।
शिखर सम्मेलन में बेलारूस और ईरान को एससीओ की स्थायी सदस्यता देने का भी फैसला किया गया।