टेलीविजन रेटिंग पॉइंट यानी टीआरपी स्कैम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिपब्लिक टीवी और आर भारत को क्लीन चिट दे दी है। लेकिन इंडिया टुडे और न्यूज नेशन के खिलाफ इस मामले में जांच जारी रहेगी। यह खबर देते हुए लाइव लॉ और इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि ईडी ने पिछले हफ्ते विशेष पीएमएलए कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में अर्नब गोस्वामी संचालित रिपब्लिक टीवी और आर भारत को क्लीन चिट दी थी। जबकि मुंबई पुलिस ने अर्नब को भी आरोपी बनाया था।
ईडी की रिपब्लिक टीवी को यह क्लीन चिट ऐसे समय आई है जब देश में टीवी चैनलों द्वारा फैलाई जा रही हेट स्पीच (नफरती भाषा) पर बहस कर रहा है। रिपब्लिक टीवी पर खासकर अर्नब गोस्वामी के शो में होने वाली बहसों पर विवाद होते रहे हैं। अभी बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के लिए टीवी एंकरों को जिम्मेदार ठहराते हुए सरकार को भी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार इस मामले में मूक दर्शक बनी हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक टीआरपी रेटिंग नंबरों की हेरफेरी में कथित संलिप्तता के संबंध में ईडी ने दावा किया कि उसने रिपब्लिक चैनल की भूमिका की जांच की और पाया कि मुंबई पुलिस की जांच उनकी जांच से “अलग” थी। एजेंसी ने कहा कि उसने न्यूज नेशन और इंडिया टुडे चैनलों के खिलाफ अपनी जांच पूरी नहीं की है।इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने अपनी चार्जशीट में साफ साफ कहा कि उसे रिपब्लिक टीवी और उससे जुडे़ चैनल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
यह स्कैम 2020 का है, जब मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुछ मीडिया ग्रुप आम लोगों को फर्जी रेटिंग के लिए रिश्वत दे रहे थे। मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी को इस हेराफेरी में शामिल सबसे बड़े नामों में से एक बताया था। उसकी एफआईआर में इंडिया टुडे का भी नाम था।
अब ईडी का कहना है कि पुलिस की जांच से हमारी जांच अलग है। ईडी ने दावा किया कि पुलिस जिस फोरेंसिक रिपोर्ट पर भरोसा कर रही थी, वह “सतही” और सीमित नजरिए से किए गए विश्लेषण पर आधारित थी।
ईडी की चार्जशीट में 16 आरोपियों को नामजद किया गया है। जिनमें मराठी मनोरंजन चैनल बॉक्स सिनेमा, फकट मराठी और महा मूवीज, हंसा रिसर्च ग्रुप से जुड़े कई रिलेशनशिप मैनेजर शामिल हैं, जिन्होंने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के लिए टीआरपी को गिना था।