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    Share Market निवेशकों के सिर्फ 3 दिन में 12 लाख करोड़ स्वाहा, Sensex 953 अंक लुढ़का, Nifty 17 हजार के करीब पहुंचा

    Share Market: बीएसई सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़क कर 57,145.22 और एनएसई निफ्टी 311.05 अंक की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ।

    HIGHLIGHTS

    • सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़क कर 57,145.22 अंक पर बंद हुआ
    • निफ्टी 311.05 अंक की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ
    • बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण घटकर 2.81 लाख करोड़

    Share Market निवेशकों के सिर्फ 3 दिन में 12 लाख करोड़ डूब गए हैं। बाजार में सोमवार को चैथे कारोबारी दिन बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इससे शेयर बाजार निवेशकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। यह नुसकान शेयर की कीमत में बड़ी कमी आने से हुई है। दरअसल, सोमवार को बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का पूंजीकरण 22 सिंतबर को 2.81 लाख करोड़ से घटकर 2.69 लाख करोड़ पहुंच गया। इससे निवेशकों को सिर्फ तीन में 12 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। आज बीएसई सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़क कर 57,145.22 और एनएसई निफ्टी 311.05 अंक की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ।

    इन कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट

    सेंसेक्स के शेयरों में मारुति, टाटा स्टील, आईटीसी, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और इंडसइंड बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, विप्रो और नेस्ले के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार में भी शुक्रवार को गिरावट रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0. 75 प्रतिशत की नरमी के साथ 85.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,899.68 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। 

    रुपया  ऑल टाइम लो पर बंद 

    अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 54 पैसे लुढ़क कर अबतक के सबसे निचले स्तर 91.63 पर बंद हुआ। आज अमेरिकी मुद्रा की मजबूती के बीच रुपया सोमवार को रुपया 43 पैसे टूटकर 81.52 के सर्वकालिक निचले स्तर पर खुला था। इस दौरान निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की भावना से भी रुपये पर दबाव बना। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि यूक्रेन संघर्ष के कारण भू.राजनीतिक जोखिम बढ़ने, घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट और विदेशी कोषों की निकासी के चलते भी निवेशकों के रुख में नरमी आई। 

    ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की वजह से उथल-पुथल

    जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व के ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की वजह से डॉलर में तेजी, सुस्त आर्थिक वृद्धि और सतर्क निवेशकों की बढ़ती मांग वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच रुपये में गिरावट, बांड प्रतिफल बढ़ने और एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार नुकसान में रहे। केवल आईटी क्षेत्र लाभ में रहे। इसका कारण यह संभावना है कि वैश्विक मंदी की आशंका का ज्यादातर असर कीमत के रूप में आ चुका है।’’ बीएसई का मिडकैप 3.33 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक 2.84 प्रतिशत टूट गये। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में बंद हुए। यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था। 

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