मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से जारी आदेश के तहत बीएमसी द्वारा 28 नवंबर, 2019 से 28 फरवरी, 2022 के बीच हुए कामों का ऑडिट कराने का फैसला लिया गया है। इस अवधि में राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के सामने एक और मुसीबत खड़ी हो सकती है। दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृह्नमुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा बीते दो सालों के काम-काम का ऑडिट कराने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) का रुख किया है। गौरतबल है कि बीते 24 अगस्त को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में बीएमसी के कामों का कैग ऑडिट कराने की घोषणा की थी।
2019 से हुए कामों की होगी जांच
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से जारी आदेश के तहत बीएमसी द्वारा 28 नवंबर, 2019 से 28 फरवरी, 2022 के बीच हुए कामों का ऑडिट कराने का फैसला लिया गया है। इस अवधि में राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार थी। इस आदेश के बाद बीएमसी की 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं अब कैग के दायरे में आ गई हैं।
कोरोना के दौरान धांधली का है आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तत्कालीन सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान धांधली का आरोप है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून व जुलाई 2021 में बीएमसी ने अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के आदेश जारी किए थे। इसका कॉन्ट्रैक्ट ब्लैक लिस्टेट कंपनी को दिया गया था। इसके अलावा अन्य निविदाएं भी जांच के दायरे में हैं।