चीन कथित तौर पर अपने नए लॉन्च किए गए तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन में बंदरों को भेजने की योजना बना रहा है ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि वे शून्य-गुरुत्वाकर्षण वातावरण में कैसे बढ़ते हैं और प्रजनन करते हैं. अंतरिक्ष के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चीनी वैज्ञानिकों झांग लू का हवाला देते हुए, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि बंदरों को वहां भेजने और उनकी प्रजनन को देखने का प्रयोग अंतरिक्ष स्टेशन के सबसे बड़े मॉड्यूल में किया जाएगा, जिसका उपयोग मुख्य रूप से जीवन विज्ञान में प्रयोगों के लिए किया जाता है.
वैज्ञानिक झांग ने कहा कि मछली और घोंघे जैसे छोटे जीवों का अध्ययन करने के बाद, “चूहों और मकाक (बंदरों) से जुड़े कुछ अध्ययनों को अब यह देखने के लिए किया जाएगा कि वे कैसे बढ़ते हैं या अंतरिक्ष में कैसे प्रजनन करते हैं.” उनका मानना है कि ये प्रयोग सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण और अन्य अंतरिक्ष वातावरण में जीव के अनुकूलन की समझ में सुधार करने में मदद करेंगे.
वैज्ञानिकों को भी लगता है कि शोध अध्ययन की अवधि के दौरान बंदरों को खाना खिलाना और उनसे पैदा कचरे से निपटना एक बड़ी चिंता का विषय होगा. इसके अलावा बंदरों के लिए अंतरिक्ष स्टेशन में अपने बाड़ों में तनाव मुक्त और आराम से रहना मुश्किल होगा. गौरतलब है कि चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन में मौजूदा समय में दो पुरुष और एक महिला अंतरिक्ष यात्री- चेन डोंग, काई ज़ुज़े और लियू यांग का चालक दल रह रहा है. अंतरिक्ष यात्री जून में स्पेस स्टेशन पहुंचे और उम्मीद है कि इस साल के अंत से पहले वे स्टेशन की असेंबली को पूरा कर लेंगे.