भारत की जुलाई-सितंबर Q2 में आर्थिक विकास दर धीमी होकर 6.3 फीसदी रही है. बीते वर्ष समान अवधि में विकास दर 8.4 फीसदी रही थी. वहीं, इस वित्त वर्ष के Q1 में विकास दर 13.5 फीसदी रही थी. दूसरी तिमाही में इकनॉमिक ग्रोथ काफी कम रही है. मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र में बड़ी गिरावट आई है. अर्थशास्त्रियों ने दूसरी तिमाही के लिए 7.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था.
जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि की गति धीमी होकर 6.3 फीसदी हो गई. 2022-23 की दूसरी तिमाही में लगातार (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी 38.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. जबकि, 2021-22 की दूसरी तिमाही में यह 35.89 लाख करोड़ रुपये था.
30 सितंबर को समाप्त तीन महीनों के लिए सकल घरेलू उत्पाद रीडिंग अप्रैल-जून में 13.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि से धीमी हो गई. दूसरी तिमाही की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही है, जबकि एक साल पहले यानी 2021 की इसी अवधि में जीडीपी 8.4 फीसदी थी. उस वक्त इसी अवधि में महामारी नियंत्रण प्रतिबंधों से प्रभावित गतिविधियां भी देखी गई थीं.
मैन्यूफैक्चरिंग, खनन क्षेत्र में गिरावट
वित्तवर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 4.3 प्रतिशत की गिरावट आई है जो पिछली तिमाही में 5.6 प्रतिशत थी. वहीं, खनन क्षेत्र में पिछले साल की दूसरी तिमाही में 14.5 फीसदी के मुकाबले 2.8 फीसदी की तेजी से गिरावट आई.