हाल के चुनावों से पहले के बजट में, मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को करों से छूट देकर उनका ख्याल रखा. इस बजट में उन्हें टैक्स में भारी छूट दी गई है. सरकार ने नई कर व्यवस्था का एलान किया है. इसके अनुसार अब 7 लाख तक के आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं 9 लाख तक के वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को साल भर में केवल 45 हजार रूपए आयकर देना होगा.
नया टैक्स स्लैब
– 0 से 3 लाख रुपये तक आयकर से छूट
– 3 से 6 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत की टैक्स
– 6 से 9 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत टैक्स
– 9 से 12 लाख रुपये तक 15 फीसद टैक्स
– 12 से 15 लाख रुपये तक 20 प्रतिशत की टैक्स
– 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता है
ये था पुराना टैक्स स्लैब
2.5 लाख रुपये तक आयकर से छूट थी
2.5 से 5 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की टैक्स
5 से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 20 प्रतिशत टैक्स
10 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसद टैक्स
सरकार ने आयकर छूट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है. यानी 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड छूट और सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट ली जा सकती है. इसका मतलब है कि एक करदाता 7 लाख रुपये तक की आय पर कर देने से बच सकता है.
1 घंटा 27 मिनट की स्पीच में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स छूट का ऐलान किया. ऐसा 8 साल बाद हुआ जब इनकम टैक्स में छूट दी गई है. हलांकि आपको ये छूट पाने के लिए अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए नई टैक्स रिजीम को चुनना होगा. लेकिन आपकी इनकम 7 लाख से ज्यादा हुई तो आप टैक्स के दायरे में आ जाएंगे.