यह खबर अलग है। स्पेन की एक अदालत ने फैसला सुनाया है कि घर की देखभाल करने वाली महिलाओं द्वारा किया जाने वाला काम महत्वपूर्ण है और इसके परिणामस्वरूप पति को अपनी पूर्व पत्नी को यूरो 204,624.86 (लगभग 1.79 करोड़ रुपये) का हर्जाना देना होगा। अदालत ने स्पेन में न्यूनतम मजदूरी पर राशि का आधार रखा, जो वर्तमान में यूरो 8.84 (लगभग 49,000 रुपये) है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, स्पेन में 25 साल तक एकसाथ रहने के बाद एक जोड़े ने तलाक ले लिया। दोनों की दो बेटियां हैं। संपति को लेकर दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया। पति ने तर्क दिया कि शादी में रहते हुए जो भी कमाया वह उनका खुद का था। इसलिए पत्नी का इसपर कोई अधिकार नहीं बनता।
वहीं, पूर्व पत्नी के वकील ने कहा कि शादी करने के बाद से पत्नी ने खुद को घर में अनिवार्य रूप से काम करने के लिए समर्पित कर दिया था, जिसका मतलब घर और परिवार की देखभाल करना था। इसपर कोर्ट ने लीगल पेपर्स में ये भी देखा की शादी के बाद यानी जून 1995 से दिसंबर 2020 के बीच के महिला ने कितनी कमाई की।
कैडेना सेर रेडियो से बात करते हुए महिला ने अपनी पूरी कहानी बताई है। महिला ने कहा कि उसका पति नहीं चाहता था कि वह घर के बाहर कोई काम करे। हालांकि उसने उसे अपने जिम में काम करने दिया, जहां उसने रिसेप्शन संभाला और एक मॉनिटर के रूप में काम किया। इसके अलावा घर का पूरा काम संभालती थी। पति और बच्चों का देखभाल किया।
कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?
स्पेन की एक अदालत ने पति को अपनी पूर्व पत्नी को घर का काम करने के लिए न्यूनतम मजदूरी दर पर 1.79 करोड़ यूरो का भुगतान करने का आदेश दिया। इसके अलावा, अदालत ने उन बेटियों के लिए मासिक चाइल्डकैअर भत्ता देने का आदेश दिया, जो दोनों नाबालिग हैं। एक बेटी की उम्र 18 साल से कम और दूसरी की 18 साल से ज्यादा है।