माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने गुरुवार को सभी लीगेसी वेरिफाइड खातों से ब्लू टिक हटा दिया. अब ट्विटर पर दिखने वाले उपयोगकर्ता जिनके पास वेरिफाइड ब्लू चेकमार्क हैं, उन्होंने ट्विटर ब्लू सर्विस सब्सक्राइब किया है और इसके लिए भुगतान कर रहे हैं. इसकी लागत वेब यूजर्स के लिए 8 डॉलर प्रतिमाह और आईओएस व एंड्रॉइड पर इन-ऐप यूजर्स के लिए 11 डॉलर प्रतिमाह है.
ट्विटर ने योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे राजनेताओं के साथ-साथ शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और आलिया भट्ट जैसी हस्तियों से सत्यापित ब्लू टिक हटा दिया है. अभी तक ट्विटर सेलेब्रिटीज को वेरिफाइड ब्लू चेकमार्क बिना चार्ज दिए देता था.
एलन मस्क द्वारा ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद ट्विटर ब्लू या व्यवसाय-केंद्रित ट्विटर वेरिफाइड ऑर्गेनाइजेशन का कॉन्सेप्ट आया. इसके तहत कोई भी बिजनेस एंटीटी या इंडिविजुअल निर्धारित शुल्क का भुगतान करके अपने ट्विटर हैंडल को वेरिफाइड करवा सकती या सकता है. इससे पहले की स्थिति में, ब्लू टिक प्रसिद्ध व्यक्तियों को प्रतिरूपण से बचाने और झूठी सूचनाओं से निपटने के तरीके के रूप में कार्य करता था.
इससे पहले मार्च में, ट्विटर ने अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया था, ‘1 अप्रैल को, हम अपने लीगेसी वेरिफाइड प्रोग्राम को बंद करना शुरू करेंगे और लेगेसी वेरिफाइड चेकमार्क को हटाएंगे. ट्विटर पर अपना ब्लू चेकमार्क बनाए रखने के लिए, लोग ट्विटर ब्लू के लिए साइन अप कर सकते हैं.’ ट्विटर ने पहली बार 2009 में ब्लू चेक मार्क सिस्टम की शुरुआत की थी.
इसका मकसद उपयोगकर्ताओं को यह पहचानने में मदद मिल सके कि मशहूर हस्तियां, राजनेता, कंपनियां और ब्रांड, समाचार संगठन और ‘सार्वजनिक हित के’ अन्य अकाउंट वास्तविक हैं, और नकली या पैरोडी अकाउंट नहीं हैं. लेकिन नए नियम के तहत कोई भी ब्लू चेकमार्क पा सकता है, बस उसे ट्विटर ब्लू सर्विस सब्सक्राइब करके निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा. इस तरह अब पैरोडी अकाउंट भी वेरिफाइड ब्लू चेकर्माक वाले हो गए हैं.