प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है कि 31 जुलाई और 2 अगस्त को वे प्रदेश के भाजपा और सहयोगी दलों के सांसदों के साथ संवाद करेंगे. इस मौके पर उन्हें लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सांसदों से संवाद कर जमीनी फीडबैक लेने और चुनाव की तैयारी में जुटने का मंत्र भी देने का इरादा है. वे राज्यसभा के सांसदों को भी लोकसभा चुनाव के लिए जिम्मेदार बनाएंगे.
इस जनसम्पर्क अभियान में सरकार के मंत्री, पार्टी के सांसद, विधायक, पदाधिकारी और कार्यकर्ता हर एक लोकसभा सीट पर वोटरों के बीच पैदल जाकर सबसे संपर्क करेंगे. केंद्र सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को बताएंगे, पम्पलेट बाटेंगे, लोगों के घरों के बाहर स्टीकर चिपकाएंगे और जिनसे मुलाकात करेंगे उनके नंबर से एक मिस कॉल भी देंगे यानी बीजेपी की अब तैयारी पैदल चलकर 2024 के लिए अपनी राह आसान बनाने की है.
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भीषण गर्मी में भी क्या कार्यकर्ता इस अभियान में उतने सक्रिय रूप से नजर आएंगे. इस पर पार्टी के पदाधिकारी साफ तौर पर कह रहे हैं कि बीजेपी का कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से काम करता है और जो मनोयोग से काम करता है, उसका साथ भगवान भी देते हैं. वह पूर्वानुमान लगा रहे हैं कि 21 जून से मौसम बदल जाएगा और बारिश होगी.
हारी हुई सीटों पर है बीजेपी का फोकस
2019 में बीजेपी को हारी हुई 14 लोकसभा सीटों पर भी ध्यान है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 14 सीटों में से 12 जीती थी, इसलिए पार्टी इस बार इन सीटों के लिए विशिष्ट रणनीति बना रही है। सोमवार को पार्टी कार्यालय पर इन सीटों पर भेजे गए विस्तारकों की बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने बैठक में हिस्सा लिया।
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वास्तव में, विस्तारक बीजेपी की एक महत्वपूर्ण शाखा हैं क्योंकि उनका कार्य बूथ मैनेजमेंट पर निर्भर है। विस्तारक बूथ पर समितियों का गठन हुआ या नहीं, बूथ पर काम चल रहा है या नहीं, और फिर रिपोर्ट बनाकर पार्टी संगठन को भेजी जाती है। यूपी में एक लाख 74 हजार से अधिक बूथ हैं, जिनमें से २४ हजार ऐसे हैं जिन्हें बीजेपी कमजोर मानती है, और बीजेपी इन बूथों को लगातार मजबूत करने पर काम कर रही है।
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