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    G-20 समिट से पहले दुनिया के सामने रखी पीएम मोदी ने दिल की बात

    पीएम मोदी

    G20 समिट से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग के माध्यम से अपनी दिल की बात साझा की है। उन्होंने इस ब्लॉग में G20 से लेकर विश्व के कई मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। G20 समिट कल से शुरू हो रहा है और इसमें भारत के बड़े नेता भाग लेने के लिए आए हैं। इस मौके पर, दिल्ली सरकार ने अच्छी तरह से तैयारी की है ताकि किसी को भी कोई परेशानी न हो। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दिल की बातें ब्लॉग के माध्यम से दुनिया के सामने रखी हैं। उन्होंने इस ब्लॉग के शीर्षक को ‘मानव-केंद्रित वैश्वीकरण: हमें जी20 को दुनिया के अंतिम छोर तक ले जाना है, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना है’ रखा है। चलिए जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में क्या लिखा है।

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    प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ब्लॉग अपनी दिल की बात में लिखा है, “वसुधैव कुटुम्बकम – हमारी भारतीय संस्कृति के इन शब्दों में एक गहरा दार्शनिक विचार समाहित है। इसका मतलब है, ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’। यह एक ऐसा सर्वव्यापी दृष्टिकोण है जो हमें एक सार्वभौमिक परिवार के रूप में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक ऐसा परिवार जिसमें कोई सीमा, भाषा और विचारधारा का कोई बंधन नहीं हो। जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान, यह विचार मानव-केंद्रित प्रगति के आह्वान के रूप में प्रकट हुआ है। हम One Earth के रूप में, मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। हम One Family के रूप में विकास के लिए एक-दूसरे के सहयोगी बन रहे हैं और One Future के लिए हम एक साझा उज्जवल भविष्य की ओर एक साथ आगे बढ़ रहे हैं।

    कोरोना वैश्विक महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था

    कोरोना वैश्विक महामारी के बाद की विश्व व्यवस्था इससे पहले की दुनिया से बहुत अलग है। कई अन्य बातों के साथ, तीन महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। पहला, इस बात का एहसास बढ़ रहा है कि दुनिया के जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। दूसरा, दुनिया ग्लोबल सप्लाई चेन में सुदृढ़ता और विश्वसनीयता के महत्व को पहचान रही है। तीसरा, वैश्विक संस्थानों में सुधार के माध्यम से बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का सामूहिक आह्वान सामने है। जी-20 की हमारी अध्यक्षता ने इन बदलावों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है।”

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    पीएम मोदी

    “वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट” का वर्णन किया

    प्रधानमंत्री ने लिखा, “दिसंबर 2022 में जब हमने इंडोनेशिया से अध्यक्षता का भार संभाला था, तब मैंने यह लिखा था कि जी-20 को मानसिकता में अनूठा परिवर्तन का कारण बनना चाहिए। विकासशील देशों, ग्लोबल साउथ के देशों, और अफ्रीकी देशों की हाशिए पर पड़ी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए यह विशेष आवश्यकता है। इसी सोच के साथ भारत ने ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ का आयोजन भी किया था। इस समिट में 125 देश भागीदार थे।

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    यह भारत की अध्यक्षता के तहत किए गए सबसे महत्वपूर्ण प्रयासों में से एक था। यह समिट ग्लोबल साउथ के देशों से उनके विचार और अनुभवों को जानने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। इसके अलावा, हमारी अध्यक्षता के तहत न केवल अफ्रीकी देशों की अबतक की सबसे बड़ी भागीदारी देखी गई है, बल्कि जी-20 के एक स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकन यूनियन को भी शामिल करने के लिए भारत ने प्रयास किए हैं।”

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    पीएम ने आगे लिखा

    पीएम ने आगे लिखा, “हमारी दुनिया परस्पर जुड़ी हुई है, इसका मतलब है कि विभिन्न क्षेत्रों में हमारी चुनौतियां भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। यह 2030 एजेंडा के मध्य काल का साल है और कई लोग चिंता जता रहे हैं कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के मुद्दे पर प्रगति पटरी से उतर गई है। एसडीजी के मोर्चे पर तेजी लाने से संबंधित जी-20 2023 का एक्शन प्लान भविष्य की दिशा निर्धारित करेगा। इससे एसडीजी को हासिल करने का रास्ता तैयार होगा। भारत में, प्राचीन काल से प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर आगे बढ़ना हमारा एक आदर्श रहा है और हम आधुनिक समय में भी क्लाइमेट एक्शन में अपना योगदान दे रहे हैं।

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