मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद पर हिंदू पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से एक महत्वपूर्ण निर्णय मिला है। याचिका कर्ता ने इस स्थल के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व को जानने के लिए इसे एक ज्ञानवापी जैसे सर्वे के बारे में मांग की थी। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस ज्ञानवापी सर्वे की मांग को नकार दिया है और शाही ईदगाह मस्जिद-कृष्ण जन्मभूमि स्थल के सर्वेक्षण के लिए हाईकोर्ट का फैसला आगे बढ़ाया है।
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विवादित मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग को लेकर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। याचिका कर्ता ने इस स्थल के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व को जानने के लिए इसे ज्ञानवापी सर्वेक्षण के तरह सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया था।
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श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद क्या है?
काशी और मथुरा के विवाद का मुद्दा भी अयोध्या के विवाद के समान है। हिंदू समुदाय का दावा है कि इन दोनों स्थलों पर औरंगजेब ने मंदिरों को गिराकर वहां मस्जिद बनाई थी। औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर को तोड़ दिया था और 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव के मंदिर को तोड़ने का आदेश जारी किया था, इसके बाद काशी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया। मथुरा के इस विवाद का मुद्दा कुल 13.37 एकड़ जमीन के स्वामित्व से संबंधित है। हिंदू समुदाय की ओर से मांग की जाती है कि शाही ईदगाह मस्जिद को हटाया जाए और यह भूमि भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान को दी जाए।
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