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    वाघ नख : महाराष्ट्र सरकार ने ब्रिटिश संग्रहालय के साथ MoU पर किए हस्ताक्षर

    वाघ नख

    छत्रपति शिवाजी महाराज के वाघ नख (धातु के पंजे) हथियार को प्रदर्शनी के लिए लंदन से भारत वापस लाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उदय सामंत ने मंगलवार को लंदन में विक्टोरिया और अल्बर्ट (वी एंड ए) संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। लंदन के विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय के द्वार पर पहुंचते ही भारतीय समुदाय ने महाराष्ट्र के प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। बॉक्स शिलालेख में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि इस वाघ नख का उपयोग छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल जनरल (अफजल खान) को मारने के लिए किया गया था।

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    संग्रहालय के अधिकारी डॉ ट्रिस्ट्राम हंट ने इसे ऐतिहासिक साझेदारी बताया। इसके बाद भारत की इस दुर्लभ ऐतिहासिक धरोहर को अगले साल विभिन्न समारोहों में शामिल करने के लिए वापस लाया जा सकेगा। वीएंडए के अनुसार, वाघ नख की जोड़ी को तीन साल के ऋण समझौते के तहत भारत भेजा जाएगा। यानी विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय से छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘वाघ नख’ को तीन साल की अवधि के लिए भारत वापस लाया जाएगा।

    इससे पहले रविवार को, सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि ‘वाघ नख’ को एक संग्रहालय में रखा जाएगा ताकि लोगों को इसे देखने का मौका मिल सके। पत्रकारों से बात करते हुए, सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी पूरी बुद्धिमत्ता से ‘वाघनख’ की मदद से अफजल खान को मार डाला। 

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    350 साल पूर्ण होने का मना रहे जश्न

    मंत्री ने कहा कि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं और इसके तहत प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हम इसे संग्रहालय में प्रदर्शित करके लोगों को ‘वाघनख’ देखने का मौका देंगे।

    उन्होंने बताया कि एमओयू के अनुसार, हम वाघनख को महाराष्ट्र के सभी जिलों में नहीं ले जा सकेंगे, जैसा कि हमने पहले सोचा था, इसके बजाय हम ‘वाघनख’ को एक विशेष स्थान पर रखेंगे, जहां सभी लोग पहुंच सकेंगे।

    वह आगे बोले कि ‘वाघ नख’ राज्य के लोगों के लिए सिर्फ एक सामान्य बात नहीं है, बल्कि आस्था का प्रतीक है।

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