इस्राइल और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को हमास की ओर से अचानक किए गए हमलों में इस्राइल के 600 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, इस्राइल की ओर से पलटवार में गाजा पट्टी से करीब 350 मौतों की बातें सामने आ रही हैं। इस बीच अमेरिका-भारत समेत कई देशों ने इस आतंकी हमले की निंदा की है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इस्राइल पर हमलों के मद्देनजर उसे आठ अरब डॉलर की आपात मदद मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है।
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इस्राइल में सभी भारतीय सुरक्षित
इस्राइल और गाजा में रहने वाले सभी भारतीय सुरक्षित हैं। हमास और इस्राइल के बीच छिड़े युद्ध के बाद से किसी भारतीय नागरिक या सैलानी के साथ किसी तरह की अनहोनी की खबर नहीं है। वहां फंसे भारतीय तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास से उन्हें सुरक्षित निकालने का अनुरोध कर रहे हैं। इस्राइल में करीब 18,000 भारतीय रहते हैं, जिनमें बड़ी संख्या छात्रों की हैं। हिब्रू विश्वविद्यालय में मेडिकल की छात्रा बिंदु ने बताया कि वह भारतीय दूतावास की तरफ से जारी परामर्श का पूरी तरह से पालन कर रही है और सुरक्षित महसूस कर रही है। बिंदु ने बताया कि सभी भारतीय छात्र एक-दूसरे के संपर्क में हैं और लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कुछ और छात्रों ने कहा कि उन्हें स्थिति नियंत्रण में आती दिख रही है और हमें बेवजह दहशत नहीं फैलानी चाहिए।
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मेडिकल के ही छात्र विकास शर्मा ने बताया कि हमले के चलते स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन सभी भारतीय छात्र सुरक्षित हैं। सभी एक-दूसरे के संपर्क में हैं और वाट्सएप के जरिये भारतीय दूतावास से भी जुड़े हुए हैं। गाजा में रहने वाली एक भारतीय ने भी कहा कि स्थिति भयावह है। न इंटरनेट कनेक्शन काम कर रहा है और न ही बिजली है, लेकिन वह उसका परिवार सुरक्षित है।
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फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के प्रयास तेज
हमास के हमले के बाद इस्राइल में फंसे भारतीय छात्रों को वापस लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनका कार्यालय इस्राइल की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। लेखी ने कहा, पहले भी आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के छात्र विदेशों में फंस गए थे। ऑपरेशन गंगा हो या वंदे भारत, हम सभी को वापस लेकर आए। इस्राइल स्थित भारतीय दूतावास व फलस्तीन में भारतीय प्रतिनिधि कार्यालय ने एडवाइजरी जारी कर वहां रहने वाले भारतीय छात्रों समेत सभी नागरिकों से सतर्क रहने और अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह कर चुके हैं।
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