यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन ने गुजरात के कच्छ जिले के धोरडो गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज के तौर पर घोषित किया है. व्हाइट डेजर्ट से मशहूर यह धोरडो पहले से ही सुर्खियों में था. नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब इसी गांव में साल 2006 में रणोत्सव नाम का दो महीने तक चलने वाला इवेंट शुरू किया था, तब से यह गांव सुर्खियों में है. रणोत्सव में आने वाले हर प्रवासी यही अनुभव लेकर जाता है कि वह दुनिया के कोई अलग ही प्रदेश में आ गया है जहां से वापस जाने का उनका मन ही ना करें.
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कच्छ के रेगिस्तान में स्थित यह गांव पाकिस्तान बॉर्डर से करीब है. पहले कोई यहां आने को तैयार नहीं था लेकिन रण उत्सव के बाद यह सुर्खियों में आया. देश विदेश के यात्री बॉर्डर पर एक गांव में रहने लगे. गांव ऐतिहासिक तौर पर भी महत्वपूर्ण है. अपनी हस्तकला कारीगरी से दुनिया में मशहूर है. अभी जी -20 की बैठक भी इसी जगह पर आयोजित हुई थी. अब जब धोरडो को इतना बड़ा सम्मान मिला है तब गुजरात सरकार तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात का क्रेडिट देते है.
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धोरडो क्यों है खास?
गुजरात के प्रवासन मंत्री मुलुभाई बेरा ने बताया की यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन के द्वारा एक प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसमें पूरे दुनिया से 260 एंट्री आई थी. भारत से भी आठ गांवों के नाम को भेजा गया था लेकिन घोरडो को सबसे बेस्ट गांव का अवॉर्ड मिला है.
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अब न केवल धोरडो में लेकिन कच्छ में ही आये धोलावीरा करके एक ऐतिहासिक जगह है. उसको भी बड़े पैमाने पर विकसित करने का गुजरात सरकार का इरादा है और वहां पर रण उत्सव जैसा आयोजन पूरे साल चलेगा. दिवाली के बाद फिर रणोत्सव शुरू हो जाएगा. अब देश विदेश के पर्यटक की तादाद बढ़ जाएगी.
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