लोकसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने ईवीएम (EVM) के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग कहता है कि इसे हैक नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें कोई कनेक्टिविटी नहीं है, जबकि रिटर्निंग ऑफिसर ने इंटरनेट कनेक्शन का उल्लेख किया है. उनकी प्रेस कांफ्रेंस में, उन्होंने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी भी ईवीएम पर अविश्वास जताचुके हैं और ईवीएम का इस्तेमाल 2003 में शुरू हुआ था. उन्होंने यह भी कहा कि अविश्वास के बाद वीवीपैट (VVPAT) को जोड़ा गया.
दिग्विजय सिंह ने VVPAT पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब उन्होंने वोटिंग मशीन पर सवाल किया, तो उसके बाद VVPAT मशीन को जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि VVPAT मशीन में बैलेट होता है और इसमें कोई चिप नहीं होती है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि VVPAT के सॉफ्टवेयर में भी छेड़छाड़ होती है.
दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग के जवाब को भी नकारा दिया और कहा कि आयोग कहता है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने बताया कि इंटरनेट कनेक्शन दिया जाता है. उन्होंने ईवीएम पर अविश्वास जताते हुए कहा कि टेक्निशियंस भी इलेक्शन कमीशन के नहीं हैं और मशीन का निर्माण किसी को नहीं पता है. दिग्विजय सिंह ने वीवीपैट से जुगाड़ से बनाई गई मशीन के साथ वोटिंग का डेमो दिखाकर बताया कि कैसे वीवीपैट से वोटों की चोरी हो सकती है और उन्होंने बैलेट से चुनाव कराने की मांग की.
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लोकसभा चुनाव आयोग पर भी उठाए गंभीर सवाल
इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि इलेक्शन कमिशन निष्पक्ष नहीं है. उन्होंने कहा कि आयोग भारी दबाव में कर रहा है. हम लोग चुनाव में कुछ बोल देते हैं, तो नोटिस मिल जाता है. लेकिन भाजपा के नेताओं को खुली छूट मिली हुई है. पीएम मोदी ने कर्नाटक चुनाव में खुलेआम बजरंगबली की जय बोलकर कमल को वोट देने की अपील की थी, तब चुनाव आयोग उन्हें कुछ नहीं कहा था
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