जया बच्चन को एक बार फिर सपा राज्य सभा भेज सकती है. राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 15 फरवरी है, और चुनाव 27 फरवरी को होने वाला है. इससे पहले, बीजेपी ने कल अपने 7 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. इसी के साथ ही, समाजवादी पार्टी भी आज राज्यसभा के लिए 3 प्रत्याशियों के नामों का एलान कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, जया बच्चन को एक बार फिर सपा राज्यसभा के लिए प्रतिस्थापित किया जा सकता है. इसके अलावा, रामजीलाल सुमन, आलोक रंजन, और सलीम शेरवानी के नामों पर चर्चा भी हो रही है. पार्टी दफ्तर में आज विधायकों की बैठक में प्रस्तावक तय करने के साथ ही. यह भी तय किया जा रहा है कि कौन-कौन विधायक किस प्रत्याशी को वोट देगा.
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भाजपा के प्रत्याशियों के नाम
भाजपा ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए सात उम्मीदवारों का ऐलान किया है. इनमें से चार पिछड़ी जातियों से संबंधित हैं. इनमें से आरपीएन सिंह (सैंथवार), चौधरी तेजवीर सिंह (जाट), अमरपाल मौर्य (कोइरी), और डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद) पिछड़ी जातियों से हैं. इसके अलावा, डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी (ब्राह्मण), साधना सिंह (क्षत्रिय), और नवीन जैन (जैन) बिरादरी से आते हैं.
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इसके साथ ही, भाजपा ने राजनीतिक दलों के बीच समर्थन बढ़ाने के लिए पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक समाज के हितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए. इस चुनाव में चार पिछड़ी जातियों के उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश से चुनने का राजनीतिक संकेत दिया है.राज्य से भाजपा के सात उम्मीदवारों में चार पिछड़ी जाति से हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित सात उम्मीदवारों में से आरपीएन सिंह (सैंथवार), चौधरी तेजवीर सिंह (जाट), अमरपाल मौर्य (कोइरी) और डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद) पिछड़ी जाति से हैं. इसके अलावा डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी (ब्राह्मण), साधना सिंह (क्षत्रिय) और नवीन जैन (जैन) बिरादरी से आते हैं.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर अपने भाषणों और बयानों में भाजपा सरकार पर पिछड़े. दलित और अल्पसंख्यक समाज के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए ‘पीडीए’ के दम पर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की बात कहते हैं. ऐसे में भाजपा द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश से सात में से चार सीटों पर पिछड़ी जातियों के उम्मीदवार खड़े किये जाने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.
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