• Sat. Oct 5th, 2024

    इसरो ने फिर रचा इतिहास, RISAT-2BR1 कक्षा में स्थापित, अंतरिक्ष में भारत की खुफिया आंख

    ByVikram Mehta

    Dec 11, 2019 isro, pslv
    RISAT-2BR1 LaunchPSLV launches RISAT-2BR1

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अंतरिक्ष में फिर एक नया इतिहास रच दिया। इसरो ने 3.25 बजे पीएसएलवी सी-48 रॉकेट से टलाइट RISAT-2BR1 लॉन्च किया। इसरो ने पीएसएलवी सी-48 रॉकेट से भेजे गए सभी 10 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस स्टेशन से सैटलाइट रिसैट-2बीआर1 लॉन्च किया गया। इस सैटलाइट के साथ नौ अन्य देशों के सैटलाइट को भी भेजा गया है। 

    यह सैटेलाइट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लांचिंग पैड से लॉन्च किया गया। इसरो के मुताबिक 21 मिनट में इसे कक्षा में स्थापित करना था, जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है।

    अपनी इस उड़ान के साथ यह रॉकेट अंतरिक्ष अभियानों का अपना ‘अर्द्धशतक’ पूरा कर लिया है। साथ ही यह श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाने वाला भी 75वां मिशन है।

    इसरो ने पीएसएलवी सी-48 के जरिये एक साथ 10 सैटेलाइट को आसमान में रवाना किया। इनमें 9 विदेशी उपग्रह शामिल हैं। इसमें देश की दूसरी खुफिया आंख कही जा रही रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट आरआईसैट-2बीआर1 भी शामिल है। इसरो के मुताबिक, इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 576 किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा में 37 डिग्री झुकाव पर स्थापित कर दिया गया है। इसी के साथ देश की सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश लगभग नामुमकिन हो जाएगी। 


    सेंसर देंगे सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना

    इसमें लगे खास सेंसरों के चलते सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना पहले ही मिल जाएगी। साथ ही सीमापार की गतिविधियों का विश्लेषण भी आसान हो जाएगा। 22 मई को लॉन्च किया गया आरआईसैट-2बी पहले से ही देश की खुफिया आंख के तौर पर निगरानी का काम कर रहा है। इसके अलावा पीएसएलवी के साथ जाने वाली 9 अन्य सैटेलाइट विदेशी हैं, जिनमें अमेरिका की 6, इस्राइल की 1, इटली की 1 और जापान की 1 सैटेलाइट है। 

    ये सभी इंटरनेशनल कस्टमर सेटेलाइट एक नए कमर्शियल सिस्टम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के तहत लॉन्च किया जा रहा है। इन सभी सेटेलाइट को पीएसएलवी के उड़ान भरने के 21 मिनट के अंदर बल्बनुमा पेलोड फायरिंग तकनीक के जरिये एक के बाद एक अंतरिक्ष में स्थापित किया जाएगा। इस उड़ान के लिए मंगलवार को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया था। इस ऐतिहासिक उड़ान का दीदार करने के लिए पांच हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था भी की गई थी।


    आरआईसैट की होगी यह खासियत

    • 05 साल तक सीमाओं की निगरानी करेगी यह सैटेलाइट
    • 628 किलोग्राम है इस सैटेलाइट का वजन
    • 100 किलोमीटर इलाके की तस्वीर एक साथ ले पाएगा
    • यह सैटेलाइट दिन और रात में एक जैसी निगरानी करेगा
    • माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करेगा यह सैटेलाइट
    • एक्स बैंड एसएआर कैपेबिल्टी के चलते हर मौसम में साफ तस्वीर देगा 
    • स्वदेश में बने खास डिफेंस इंटेलिजेंस सेंसर से है युक्त 


    लॉन्च से पहले तिरुपति दर्शन को पहुंचे थे इसरो चीफ

    पीएसएलवी सी-48 के बुधवार को उड़ान भरने से पहले इसरो चीफ डा. के सिवन मंगलवार को यहां तिरुपति बालाजी मंदिर गए थे। सिवन ने भगवान के दर्शन करने के साथ ही पूजा भी की थी। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा था कि पीएसएलवी सी-48 की लांचिंग इसरो के लिए ऐतिहासिक पल होगा, क्योंकि यह इस रॉकेट की 50वीं और श्रीहरिकोटा लॉन्चिंग स्टेशन से किसी रॉकेट की 75वीं उड़ान रही।  


    इस्राइली स्कूली छात्रों की सैटेलाइट भी भेजेगा इसरो

    इस अभियान में इसरो पीएसएलवी सी-48 के जरिए इस्राइल के तीन छात्रों की तरफ से डिजाइन की गई ‘डूचीफैट-3’ सैटेलाइट को भी लॉन्च किया गया। दक्षिण इस्राइल के अशांत गाजा पट्टी क्षेत्र से महज एक किमी दूर स्थित शा हनेगेव हाईस्कूल के इन तीनों छात्रों एलोन अब्रामोविच, मीतेव असुलिन और शमुएल अविव लेवी की उम्र 17 से 18 वर्ष के बीच है। इन्होंने इस सैटेलाइट को हर्जलिया साइंस सेंटर और अपने स्कूल के साथ मिलकर बनाया है। छात्रों के मुताबिक, इस रिमोट सेन्सिंग फोटो सैटेलाइट से देश भर के बच्चों को पृथ्वी को देखने और विश्लेषण करने की सुविधा मिलेगा। साथ ही किसानों को भी इसका लाभ होगा।

    Share With Your Friends If you Loved it!

    Comments are closed.