संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मोदी सरकार के विकास को सराहा है। यूएनजीए ने बताया है कि मोदी सरकार ने किस प्रकार लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। महासभा ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि डिजिटलीकरण से 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मोदी सरकार की इस उपलब्धि को मान्यता दी है। 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने इसे मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए रोम में वैश्विक श्रोताओं को बताया कि दक्षिण एशियाई देश भारत ने डिजिटलीकरण के माध्यम से लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।
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स्मार्टफोन से 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर
उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए भारत का मामला लें… भारत ने पिछले पांच या छह वर्षों में केवल स्मार्टफोन के उपयोग से 80 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की है।” फ्रांसिस रोम स्थित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन में “वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लिए भूखमरी को समाप्त करने की दिशा में प्रगति में तेजी लाने” विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। व्याख्यान के बाद, फ्रांसिस ने संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों, अधिकारियों, और नीति विशेषज्ञों के प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में ग्रामीण किसानों का कभी बैंकिंग प्रणाली से कोई संबंध नहीं था।
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लोग भारत में गरीबी से उबरे
संयुक्त राष्ट्र अध्यक्ष ने रेखांकित किया कि भारत में 80 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं। फ्रांसिस ने कहा कि भारत में इंटरनेट की पहुंच उच्च स्तर पर है और लगभग हर किसी के पास मोबाइल फोन है। संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष ने कहा कि वैश्विक दक्षिण के कई हिस्सों में ऐसा नहीं है। ‘‘समानता की मांग है कि डिजिटलीकरण के लिए वैश्विक ढांचे पर बातचीत के शुरुआती चरण के रूप में इस असमानता को दूर करने के लिए कुछ प्रयास, कुछ पहल की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि 2009 में भारत में केवल 17 प्रतिशत वयस्कों के पास बैंक खाते थे 15 प्रतिशत ने डिजिटल भुगतान का उपयोग किया था।
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