भारतीय हॉकी टीम के मजबूत स्तंभ माने जाने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने गुरुवार को पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने के बाद संन्यास की घोषणा कर दी। हालांकि, वह अब भी टीम के साथ जुड़े रहेंगे। शुक्रवार को हॉकी इंडिया ने इस महान खिलाड़ी को जूनियर पुरुष हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। अब वह युवा टीम को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।
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स्पेन को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया
भारत ने गुरुवार को स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता, जिसके साथ ही पीआर श्रीजेश ने हॉकी से संन्यास लिया। श्रीजेश लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम के प्रमुख सदस्य रहे हैं और पेरिस ओलंपिक में भी उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा। स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मैच में भी श्रीजेश ने अंतिम क्वार्टर में शानदार बचाव करते हुए विरोधी टीम को बढ़त लेने से रोक दिया। इस तरह, टीम ने श्रीजेश को एक यादगार जीत के साथ विदाई दी।
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संन्यास के फैसले पर बोले श्रीजेश
शुक्रवार को श्रीजेश के संन्यास के बाद फैंस लगातार उनसे वापसी की मांग कर रहे थे। इसको लेकर उन्होंने कहा, “यह विदा लेने का सही समय है। मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों से विदा लेने का यह सही तरीका है, एक पदक के साथ। हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे जो बड़ी बात है। मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन कुछ फैसले कठिन होते हैं। सही समय पर फैसला लेने से हालात खूबसूरत हो जाते हैं। इसलिए मेरा फैसला नहीं बदलेगा। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और इस मैच को इतना यादगार बना दिया। टोक्यो में मिले पदक की मेरे दिल में खास जगह है।
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