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    शुगर-फ्री डाइट मोटापा और डायबिटीज कंट्रोल करती है, रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शक्कर लेने से बढ़ता है बीमारियों का खतरा

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    Sep 5, 2018

    हर साल 1-7 सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इस साल की थीम है ‘गो फर्दर विद् फूड’।

    इनदिनों शुगर फ्री डाइट का चलन बढ़ रहा है। कारण बढ़ता मोटापा, डायबिटीज के रोगी और बिगड़ता मेटाबॉलिज्म है। बिना चीनी वाला भोजन कई तरह की बीमारियों से भी बचाने के साथ वजन कंट्रोल रखता है। इस डाइट में ज्यादातर फूड पोषक तत्व से भरपूर होने के साथ नेचुरल सोर्स से जुड़े होते हैं। हर साल 1-7 सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इस साल की थीम है ‘गो फर्दर विद् फूड’। इस थीम के मुताबिक ऐसे फूड को डाइट में शामिल करना है जो सीधे नेचर से मिल रहे हैं और पोषक तत्वों से भरपूर हैं। न्यूट्रिशनिस्ट सुरभि पारीक से जानते हैं क्या है शुगर फ्री डाइट और यह कैसे काम करती है।

    शुगर-फ्री भोजन का मतलब है कि उसमें जरूरत से ज्यादा चीनी का न होना। इसमें सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी शामिल है। रोजाना 350 कैलोरी से अधिक शुगर लेने से मोटापा, मधुमेह और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा शुगर लेना शरीर के इम्यून सिस्टम को भी कमजोर बनाता है। कुछ लोग सोचते हैं कि शुगर-फ्री भोजन का अर्थ है हर तरह की चीनी लेना बंद कर देना। लेकिन ऐसा नहीं है। इसमें अनाज और फलों शामिल करें लेकिन ध्यान रखें कि प्रोसेस्ड अनाज जैसे मैदा से बचें। ऐसे फल जो अधिक मीठे होते हैं जैसे आम, लीची, केला और चीकू को कम मात्रा में ही लें। इनके अलावा स्वाद में कम मीठे फलों को खा सकते हैं।

    कैसे करता है काम

    शुगर-फ्री भोजन करने से ब्लड शुगर में अचानक बदलाव नहीं आता। इन्हें लेने से मैटाबोलिक रेट में सुधार होता है और आप पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। आप के शरीर में प्रोटीन और वसा से ऊर्जा पैदा होती है। इससे धीरे-धीरे वजन भी कम होने लगता है। ऐसे भोजन में कई खाने वाली चीजों को पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। कुछ को ही शामिल किया जाता है। खट्टे फल ज्यादा खाए जाते हैं।

    क्या खाएं

    – ज्यादा फाइबर वाली चीजें जैसे ब्रोकली, चाइना सीड, बैरी, टमाटर, ब्राउन राइस आदि।
    – हेल्दी फैट जैसे जैतून का तेल, अखरोट, बादाम और कद्दू के बीज आदि लें।
    – दालें, बींस, सालमन फिश, अंडे, कच्चा चीज आदि
    – मौसमी सब्जियों और फलों को जरूर डाइट में शामिल करें।
    – कोशिश करें कि प्रकृति के नजदीक रहें यानी जो कुछ भी खा रहें हैं वो सीधे उसकी स्वरूप में खाएं जिस स्वरूप में पैदावार हो रही है। इसे प्रोसेस करके न खाएं।
    – खाना बनाने का तरीका बदलें जैसे कुछ सब्जियों को बॉयल करें या रोस्ट करके खाएं ताकि इनके पोषक तत्व न खत्म हों।

    क्या न खाएं
    – जंक फूड, मिठाई, कैंडी और रिफाइंड अनाज से बनी चीजें।
    – सोडा, मीठे पेय, गन्ने से बनी चीनी और टेबल शुगर।

    शुगर-फ्री भोजन के फायदे
    – वजन घटता है और डायबिटीज का खतरा कम होता है।
    – लंबे समय तक ऊर्जा देता है। नेचुरल शुगर में सिंपल कार्बोहाइड्रेट होते हैं। ये जल्दी पचते हैं और तुरंत खून में चले जाते हैं।
    – शुगर-फ्री चीजों को पचने में ज्यादा समय लगता है। इससे दिनभर ब्लड शुगर का लेवल एक जैसा बना रहता है।
    – शुगर-फ्री भोजन उम्र के प्रभाव को कम करके लंबे समय तक जवां दिखने में मदद करता है।
    – पाचनतंत्र की बात करें तो कम चीनी और ज्यादा फाइबर वाला भोजन इरिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आंतों का रोग, पेट फूलना, कैंडिडा, बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाए रखता है।
    – चीनी का सेवन कम करने से फैटी लिवर रोग की आशंका कम हो जाती है।
    – शुगरफ्री भोजन की मदद से शरीर की सूजन को कम किया जा सकता है।

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