भारत और कनाडा के तनावपूर्ण संबंधों के बीच, कनाडा से वापस बुलाए गए भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि खालिस्तानी उग्रवादी और आतंकवादी कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। सीटीवी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में, वर्मा ने यह भी कहा कि कनाडा सरकार खालिस्तानी उग्रवादियों को समर्थन दे रही है।
‘खालिस्तानी चरमपंथियों को किया जा रहा प्रोत्साहित’
भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा ने कहा कि खालिस्तानी चरमपंथियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ खालिस्तानी चरमपंथी और आतंकवादी कनाडा की सुरक्षा खुफिया एजेंसी CSIS के लिए जासूसी कर रहे हैं, हालांकि उन्होंने इसके सबूत नहीं पेश किए। वर्मा ने कनाडा सरकार से भारत की प्रमुख चिंताओं को गंभीरता से लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत केवल यह चाहता है कि कनाडा की मौजूदा सरकार हमारी चिंताओं को ईमानदारी से समझे और उन लोगों के साथ काम न करे जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में जो भी होता है, वह भारतीय नागरिकों द्वारा तय किया जाएगा।
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निज्जर की हत्या के मामले में लगे आरोपों से किया इनकार
उन्होंने कहा कि ये खालिस्तानी चरमपंथी भारतीय नहीं, बल्कि कनाडाई नागरिक हैं, और किसी भी देश को अपने नागरिकों को दूसरे देश की संप्रभुता को चुनौती देने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। भारतीय राजदूत संजय वर्मा ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े ओटावा द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, और ये पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। वर्मा ने कहा कि उन्हें देखना है कि विदेश मंत्री मेलानी जॉय किस सबूत का जिक्र कर रही हैं, और उनके अनुसार, वह केवल राजनीतिक बातें कर रही हैं।
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कनाडा के आरोपों का दिया जवाब
राजदूत संजय वर्मा ने खालिस्तानी समर्थक कार्यकर्ताओं, जैसे निज्जर, के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए किसी व्यक्ति को निर्देशित या मजबूर करने के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के उच्चायुक्त के रूप में उन्होंने कभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। वर्मा ने स्पष्ट किया कि कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की निगरानी राष्ट्रीय हित का हिस्सा है, और उनकी टीम सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों से जानकारी जुटाती है। उन्होंने बताया कि वे समाचार पत्र, बयान, और सोशल मीडिया पोस्ट पढ़ते हैं, खासकर पंजाबी में, ताकि वहां से स्थिति का आकलन कर सकें।
भारतीय राजदूत का यह बयान कनाडा की तरफ से उच्चायुक्त और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को एनआईए की तरफ से नामित आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या में ‘रुचि के व्यक्ति’ के रूप में नामित किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसके बाद भारत ने कड़ी निंदा की और संजय वर्मा समेत छह राजनयिकों को वापस बुला लिया।
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