शशि अबरोल के परिवार का हाल बुरा है। उनकी 8 साल की बेटी अपनी मां के आंसू पोंछते हुए कह रही है, “आतंकियों ने पापा को मार डाला।” मृतक की मां और अन्य परिजन रोते-बिलखते हुए हैं। जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार रात हुए एक आतंकी हमले में शशि अबरोल की भी हत्या कर दी गई। इस कायराना हमले में कुल सात लोगों की जान गई।
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शशि की बेटी ने कहा, “आतंकियों ने मेरे पापा को मार डाला, वे बहुत बुरे हैं।” यह कहते हुए वह रोने लगी। वहीं, शशि की मां ने बताया, “मुझे सुबह घटना की जानकारी मिली। रात में हमें कुछ पता नहीं चला। बताया गया कि सुबह हम जानेंगे। सुबह अखबार और टीवी पर खबर आई। मेरा बेटा अभी कुछ दिन पहले ही गया था और दीपावली पर घर आने वाला था। मेरी बहू ने उसके लिए व्रत रखा था। कल उसका व्रत था। आज भी उसने खाना नहीं खाया है। उसकी छोटी सी बेटी पूछ रही है, ‘मेरे पापा कहां हैं, उनसे बात कराओ।’ वह रो रही है।”
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परिवार का रोना: आर्थिक संकट और अपनों की कमी का सामना कर रही शशि अबरोल के परिजन
उन्होंने आगे कहा, “मैं भारत सरकार से भी अपील करती हूं, क्योंकि अब मेरे घर में कोई कमाने वाला नहीं रहा।” मृतक के पिता जगदीश राज अबरोल ने बताया कि जब करवा चौथ की पूजा के समय वे अर्घ दे रहे थे, तभी इस घटना की जानकारी मिली। उन्होंने कहा, “सरकार हमेशा कहती है कि आतंकियों को खत्म कर देगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। मेरे दोनों हाथ कट गए हैं। मेरा बेटा दीपावली में घर आने वाला था।”
मृतक की बहन का भी रो-रो कर बुरा हाल है. उन्होंने कहा, “मेरी अपने भाई से पिछले कई दिन से बात नहीं हुई है. मेरे भाई के घर में कोई कमाने वाला नहीं है. उनकी छोटी सी लड़की है. वह जीविकोपार्जन कहां से करेंगे. जिस कंपनी के लिए काम करते थे, उन्होंने कोई फोन नहीं किया. न ही कुछ बताया.” मृतक शशि अबरोलल की छोटी भाभी भी बहुत परेशान हैं.
उन्होने कहा, “रविवार की शाम 6.30 बजे के बाद शशि ने अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात की थी. उसके बाद उनकी कोई खबर नहीं मिली. उनकी छोटी सी एक बेटी और एक बेटा है. उनकी पत्नी का पति चला गया. अब हम सरकार से क्या ही मांग करें. सरकार को चाहिए उनका कुछ जीविकोपार्जन का साधन करे. उनके घर से कमाने वाला चला गया.”