• Wed. Oct 30th, 2024

    ब्रिक्स: चीन को झटका! भारत के बाद ब्राजील ने BRI प्रोजेक्ट में शामिल होने से मना किया

    BRICS

    ब्राजील ने चीन को बड़ा झटका देते हुए उसके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) में शामिल होने से इनकार कर दिया है। इस तरह, भारत के बाद ब्राजील भी ब्रिक्स संगठन का ऐसा दूसरा देश बन गया है जिसने चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से मना किया। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार, सेल्सो एमोरिम ने कहा कि “ब्राजील, चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव में शामिल नहीं होगा और इसके बजाय चीनी निवेशकों के साथ सहयोग के वैकल्पिक रास्तों की तलाश करेगा।”

    Also Read: 10-Year-Old Spiritual Orator Abhinav Arora Threatened by Lawrence Bishnoi Gang

    ब्राजील का चीन के साथ संबंधों को नए स्तर पर ले जाने का प्रयास, लेकिन बिना अनुबंध के

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेल्सो एमोरिम ने कहा कि ब्राजील, चीन के साथ अपने संबंधों को नए स्तर पर ले जाना चाहता है, लेकिन बिना किसी अनुबंध पर हस्ताक्ष किए। ब्राजील का यह एलान चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए बड़ा झटका है, खासकर तब जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 20 नवंबर को ब्राजील का आधिकारिक दौरा करने वाले हैं। चीन की कोशिश थी कि जिनपिंग की ब्राजील यात्रा को राजकीय यात्रा का मुख्य आकर्षण बनाया जाए, लेकिन अब ब्राजील ने प्रोजेक्ट से ही बाहर रहकर चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। 

    Also Read: 150 Injured in Kerala Firecracker Tragedy; Eyewitnesses Describe “Fireball”

    ब्राजील में बीआरआई प्रोजेक्ट के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच चीन के साथ संबंधों पर संदेह

    गौरतलब है कि ब्राजील में ही बीआरआई प्रोजेक्ट के खिलाफ आवाजें उठ रहीं थी। ब्राजील की अर्थव्यवस्था और विदेश मामलों के कई अधिकारियों ने चीन के अरबों डॉलर के बीआरआई प्रोजेक्ट में ब्राजील के शामिल होने का विरोध किया था। अधिकारियों का कहना था कि चीन के इस बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट में शामिल होने से ब्राजील को अल्पअवधि में कोई फायदा नहीं होगा और साथ ही इसके चलते ब्राजील के अमेरिका से भी संबंध खराब हो सकते हैं। बीते दिनों ब्राजीली राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार एमोरिम और राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ रुई कोस्टा बीजिंग दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ बीआरआई प्रोजेक्ट पर चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों इस प्रोजेक्ट से असंतुष्ट और अप्रभावित होकर लौटे थे। 

    Also Read: महाराष्ट्र चुनाव: 25 साल में सात CM, सिर्फ फडणवीस ने कार्यकाल पूरा किया

    ब्रिक्स देशों में भारत का पहले ही बीआरआई प्रोजेक्ट का विरोध

    ब्रिक्स संगठन के सदस्य देश ब्राजील से पहले भारत भी चीन के इस प्रोजेक्ट में शामिल होने से मना कर चुका है। भारत पहला देश था जिसने इस पर आपत्ति जताई थी और बीआरआई का खुलकर विरोध किया था। बीआरआई प्रोजेक्ट के तहत ही चीन चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का निर्माण कर रहा है। यह प्रोजेक्ट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रहा है, जिस पर भारत ने संप्रभुता का उल्लंघन करार दिया है। पाकिस्तान द्वारा अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है, यही वजह है कि भारत ने चीन के इस प्रोजेक्ट की खुलकर आलोचना की थी।  

    Also Read: Significance of Purchasing Gold on Dhanteras

    अमेरिका ने भी ब्राजील से बीआरआई प्रोजेक्ट में शामिल होने के अपने फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी। जिस पर अमेरिका ने नाराजगी भी जाहिर की थी। चीन ने आरोप लगाया था कि अमेरिका ब्राजील और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों को चीन के खिलाफ भड़काने का प्रयास कर रहा है। ब्राजील से पहले फिलीपींस और इटली ने भी बीआरआई प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। अब अफ्रीका के छोटे-छोटे देश ही चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का हिस्सा रह गए हैं।

    Share With Your Friends If you Loved it!