वृंदावन का प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर अपनी आध्यात्मिक महिमा और दिव्यता के लिए पूरे विश्व में ख्यात है. हाल ही में इस मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसमें कुछ श्रद्धालु मंदिर में लगे पत्थर के हाथी की सूंड से गिरते पानी को गिलास में भरकर पवित्र मानकर पीते नजर आ रहे हैं. उनका मानना है कि यह भगवान का चरणामृत है, जो उनकी कृपा से मिल रहा है. हालांकि, वीडियो में एक व्यक्ति यह स्पष्ट करता है कि यह पानी भगवान के चरणों का नहीं, बल्कि एसी से निकलने वाला वेस्ट वॉटर है.
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वृंदावन: बांके बिहारी मंदिर के चरणामृत को लेकर फैली गलतफहमी
इस बारे में जब बांके बिहारी मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी से चर्चा की गई, तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह चरणामृत नहीं है. मंदिर के पीछे निर्मित पत्थर के हाथी के मुख से गिरने वाला जल दरअसल मंदिर की सफाई और एसी से निकलने वाला पानी है. इस बारे में कुछ गलतफहमियां फैली हुई हैं. आशीष गोस्वामी ने बताया कि बिहारी जी महाराज के स्नान का वास्तविक चरणामृत पुजारी भक्तों को अंजलि में देते हैं, नाली के माध्यम से नहीं. यह जल इतना पवित्र और महत्वपूर्ण है कि इसे विशेष सावधानी और श्रद्धा के साथ वितरित किया जाता है.
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पत्थर के हाथी से गिरता जल: श्रद्धालुओं में फैली भ्रांति
सेवायत ने यह जानकारी भी दी कि पत्थर के हाथी के मुख से गिरता हुआ जल एसी के पानी का है, जो गर्भगृह में लगे एसी से निकलता है. इसे कुछ लोग मंदिर का जल समझकर पी लेते हैं, लेकिन यह तथ्यतः एसी का पानी है. कुछ श्रद्धालुओं ने जब इस जल के बारे में बताया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञात नहीं है कि यह सफाई का पानी है. उनके लिए यह भगवान के चरणों से आने वाला जल है, और वे इसे भगवान की कृपा मानते हैं.
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