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    रेलवे संशोधन बिल लोकसभा से पास; ‘इससे निजीकरण नहीं होगा…’, बोले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

    Train derail

    भारतीय रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, यह केवल विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा झूठा प्रचार है. यह बात रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कही. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में रेलवे में कितना विकास हुआ है. रेलवे संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 31,000 किलोमीटर रेलवे ट्रैक जोड़े गए हैं, जिसमें पिछले साल के 5300 किलोमीटर भी शामिल हैं. यह आंकड़ा स्विट्जरलैंड के पूरे रेलवे नेटवर्क से भी अधिक है.

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    रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे संशोधन विधेयक से रेलवे का निजीकरण नहीं होगा और आरोप लगाया कि इस संबंध में कुछ विपक्षी सदस्य फर्जी कहानी का प्रचार कर रहे हैं.

    लोकसभा ने रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 को बुधवार को एक बहस के बाद ध्वनि मत से पारित कर दिया. विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि रेलवे के बारे में उनकी फर्जी कहानी उसी तरह विफल हो जाएगी जैसे संविधान के बारे में की गई थी.

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    विपक्ष के आरोपों को किया खारिज

    रेल मंत्री ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा है कि विधेयक से रेलवे का निजीकरण हो जाएगा, एक फर्जी कहानी स्थापित करने का प्रयास किया गया है. मैं पूरी ईमानदारी से उनसे ऐसा न करने की अपील करना चाहता हूं, संविधान के बारे में उनकी एक फर्जी कहानी पहले ही विफल हो चुकी है. रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 रेलवे बोर्ड की कार्यप्रणाली और स्वतंत्रता को बढ़ाने का प्रयास करता है. 1989 के रेलवे अधिनियम के तहत रेलवे बोर्ड को शामिल किए जाने से बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति, योग्यता, कार्यकाल और मानदंड केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होगी. रेलवे के ऑपरेशन्स में सुधार की योजना के हिस्से के रूप में विधेयक में एक स्वतंत्र नियामक नियुक्त करने का प्रावधान भी शामिल है, जो किराया निर्धारण जैसे मामलों की निगरानी करेगा और रेलवे की प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करेगा.

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    बिल को JPC में भेजने की उठी मांग

    इससे पहले बहस के दौरान विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि विधेयक रेलवे के निजीकरण को बढ़ावा देगा और मांग की कि इसे आगे की जांच के लिए JPC को भेजा जाए. उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतें बहाल करने का भी अनुरोध किया. रेल मंत्री ने कहा कि हमारा देश तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. रेलवे की क्षमता में वृद्धि की जरूरत है. 50-60 वर्षों से अधिक समय से रेलवे में निवेश की कमी रही है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2014 में जब पीएम मोदी ने सत्ता संभाली तो रेलवे बजट जो लगभग 25,000-30,000 करोड़ रुपये हुआ करता था उसे बढ़ाकर 2.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया.

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