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    Rajasthan: खेलते-खेलते 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा पांच साल का मासूम, 57 घंटे की जंग के बाद हार गया मासूम

    Borewell

    9 दिसंबर की दोपहर 3 बजे मासूम आर्यन खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया। उसकी मां ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन बच्चा अचानक गड्ढे में समा गया। इसके बाद से ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव अभियान में जुटी रहीं। हालांकि, 57 घंटे की कड़ी मेहनत के बावजूद मासूम आर्यन को बचाया नहीं जा सका।

    बोरवेल में मासूम के गिरने के बाद रेस्क्यू अभियान की शुरुआत

    9 दिसंबर को दोपहर तीन बजे बोरवेल के गड्ढे में गिरा था मासूम।

    शाम 4 बजे घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम व लोकल रेस्क्यू टीम
    शाम 4: 30 पर पहुंची सिविल डिफेंस की टीम
    शाम 5 बजे बोरेवेल में पाइप से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू
    शाम 6 बजे राजधानी जयपुर से एसडीआरएफ की टीम पहुंची
    शाम 7 बजे बोरवेल में कैमरा डालकर मासूम के देखा गया
    रात 9 बजे NDRF की टीम पहुंची

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    10 दिसंबर

    रात 1 बजे देसी जुगाड़ का इस्तेमाल शुरू
    रात 2:35 देसी जुगाड़ से सफलता नहीं मिली
    रात 3 बजे 2 एलएनटी मशीनें पहुंचीं
    सुबह 6 बजे एनडीआरएफ को फिर सफलता नहीं मिली
    सुबह 8 बजे बोरवेल में एल शेप की प्लेट उतारी गई
    सुबह 9:30 बोरवेल में अंब्रेला उपकरण डाला गया
    दोपहर 1 बजे बोरवेल में रिंग उतारी गई
    दोपहर 3 बजे एनडीआरएफ ने रेस्क्यू होल्ड किया
    दोपहर 3:40 पर फिर से ऑपरेशन शुरू
    शाम 6 बजे सवाई माधोपुर से पाइलिंग मशीन पहुंची
    रात 8:30 बजे मंत्री किरोड़ीलाल मीणा पहुंचे

    मंगलवार को बच्चे के माता-पिता दूध की बोतल लेकर केवल इंतजार करते रहे, लेकिन उसे पहुंचाया नहीं जा सका।

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    11 दिसंबर

    परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ी। 5 वर्षीय आर्यन को बोरवेल से निकालने के सारे प्रयास फेल होने के बाद गंगापुर सिटी की तर्ज पर टनल बनाकर रेस्क्यू करने के प्रयास शुरू किए गए। 

    दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा ने लिया बचाव अभियान का जायजा

    दौसा सांसद मुरारी लाल मीणा अल सुबह दिल्ली से दौसा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आर्यन के स्वास्थ्य और आगे की अपडेट बारे में जानकारी ली। इस दौरान बच्चे तक खाना और पानी कुछ भी नहीं पहुंचाया जा सका। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के 6 देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं। बांदीकुई से आई टीम ने सुरंग बनाकर बच्चे को निकालने का प्रयास किया। इसके लिए सवाई माधोपुर से आई पाइलिंग मशीन से लगभग 120 फीट के आसपास सुरंगनुमा गड्ढा बनाकर बच्चे को वहां से निकालने का प्रयास किया गया, जो कि नाकाम रहा।

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    इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल से करीब 6 फीट की दूरी पर ही 155 फीट का नया गड्ढा खोदने का प्रयास किया लेकिन इसी दौरान पाइलिंग मशीन में तकनीकी खामी के कारण खुदाई का काम कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।

    उम्मीद की जा रही थी कि जिस तरह से टनल बनाकर गंगापुर सिटी में महिला की बॉडी को निकाला गया था, इसी तरह आर्यन को भी बोरवेल से बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके लिए लगभग 155 फीट गहरा और लगभग 4 फीट चौड़ा गड्ढा बनाकर लोहे के पाइपों से केसिंग करते हुए बच्चे को रेस्क्यू करने के प्रयास भी किए गए थे।

    एनडीआरएफ के जवानों को पीपी किट पहनाकर आर्यन तक पहुंचने के लिए पूरी सावधानी के साथ गड्ढे में उतारा गया लेकिन तीन दिन के लंबे बचाव अभियान के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। 5 साल के आर्यन को बोरवेल से बाहर निकालने तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने आर्यन के शव को दौसा जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। बच्चे के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है। उसके गांव कालीखाड़ में भी मातम छाया हुआ है। अब आज सुबह शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

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