टाटा टेक्नोलॉजीज को एक बड़े साइबर हमले का सामना करना पड़ा, जिसे कंपनी ने रैनसमवेयर अटैक के रूप में पुष्टि की है। इस हमले के कारण कंपनी के कई आईटी एसेट्स प्रभावित हुए, जिससे सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ। सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देते हुए, टाटा टेक्नोलॉजीज ने तत्काल प्रभाव से अपनी सभी आईटी सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया। स्थिति का गहन विश्लेषण और समाधान के बाद, कंपनी ने अपनी आईटी सेवाओं को पूरी तरह बहाल कर दिया है, ताकि परिचालन सामान्य रूप से जारी रह सके।
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रिस्टोर हुई सर्विस
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, टाटा टेक्नोलॉजीज ने सुरक्षा उपायों के तहत अपनी आईटी सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया था। हालांकि, अब इन सेवाओं को पूरी तरह बहाल किया जा रहा है। कंपनी के बयान के मुताबिक, कुछ आईटी सेवाएं सीमित समय के लिए निलंबित की गई थीं, जिन्हें अब पुनः सक्रिय कर दिया गया है। वहीं, क्लाइंट डिलीवरी सेवाएं पूरी तरह कार्यात्मक बनी रहीं और इस हमले से अप्रभावित रहीं।
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टाटा टेक्नोलॉजीज साइबर हमले की जांच एक्सपर्ट्स कर रहे हैं
कंपनी ने बताया कि विशेषज्ञ इस घटना की जांच कर रहे हैं और इसकी मूल वजह का पता लगाने में जुटे हैं। टाटा टेक्नोलॉजीज ने आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है। साथ ही, सुरक्षा और डेटा संरक्षण के उच्चतम मानकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए, संभावित जोखिमों को कम करने के लिए सभी आवश्यक उपाय अपनाने की बात कही है।
टाटा टेक्नोलॉजीज वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग क्लाइंट्स को डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और इंजीनियरिंग सेवाएं प्रदान करती है। यह भारत के अग्रणी इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट (ER&D) सेवा प्रदाताओं में से एक है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2024 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (TEPL) के तमिलनाडु के होसुर स्थित कार्यालय में बड़ी आग लगने की घटना हुई थी, जिसकी फॉरेंसिक जांच अभी भी जारी है।
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भारत में बढ़े रेनसमवेयर अटैक के मामले
हाल ही में सिक्योरिटी रिसर्च फर्म साइबरपीस ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि भारत में रैनसमवेयर हमलों के मामले 55% तक बढ़ चुके हैं। विशेष रूप से, 2024 में कई कंपनियों को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाया। जुलाई 2024 में, C-Edge टेक कंपनी पर भी रैनसमवेयर हमला हुआ था। यह कंपनी देशभर में 1,500 को-ऑपरेटिव और क्षेत्रीय बैंकों को सेवाएं प्रदान करती है, और इस हमले के कारण लगभग 300 छोटे बैंकों का संचालन प्रभावित हुआ था।
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