हरदोई जिले में बीकॉम पास एक बेरोजगार युवक ने खुद को आईएएस अफसर बताकर उन्नाव की महिला अधिकारी से ठगी की। उसने मैट्रिमोनियल साइट पर अपने बीमार भाई के नाम से अपनी फोटो अपलोड की और महिला अधिकारी से शादी की बातचीत चलाई। नई तैनाती और वेतन न मिलने का बहाना बनाकर युवक ने दो बार में कुल 2,23,253 रुपये ठग लिए।
रुपये वापस मांगने पर युवक ने साइट पर अपलोड किया गया अपना ब्योरा डिलीट कर दिया। अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। हरदोई से सटे उन्नाव के एक विकास खंड में तैनात महिला अधिकारी ने पुलिस को पांच जनवरी को तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि प्रतापगढ़ के भगवानपुर निवासी मुकेश कुमार पांडेय नाम के शख्स ने एक मैट्रिमोनियल साइट पर खुद को आईएएस बताते हुए आईडी बनाई थी।
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महिला अधिकारी से शादी की बातचीत जारी थी
साइट पर उसने अपना फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर खुद को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हरदोई में तैनात बताया था। महिला अधिकारी ने यह भी बताया कि उससे शादी की बातचीत चल रही थी। इसी दौरान उसने दो लाख, 23 हजार 253 रुपये ऑनलाइन खाते में लिए थे। रुपये लेने के बाद मुकेश ने अपना तबादला हरदोई से कासगंज हो जाने की जानकारी दी थी और फर्जी स्थानांतरण आदेश भी दिखाया था।
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हरिकेश ने अपनी असली तस्वीर अपलोड की थी
मामला दर्ज कर साइबर थाने की टीम ने जांच की तो पता चला कि ठगी करने वाले शख्स का नाम हरिकेश पांडेय है। वह प्रतापगढ़ के देल्हूपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर मुफरीद गांव का निवासी है। मुकेश पांडेय उसका छोटा भाई है, जो बीमार रहता है। उसके नाम से आईडी बनाकर हरिकेश ने खुद की फोटो लगाई थी। एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि साइबर थाने की पुलिस टीम ने घटना का खुलासा किया है। आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
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हरदोई डीएम के निरीक्षण की फोटो एडिट कर लगाई
हरिकेश पांडेय ने हरदोई के डीएम मंगला प्रसाद सिंह के निरीक्षण की एक फोटो हासिल कर ली थी। सोशल मीडिया पर मिली फोटो को हरिकेश ने एडिट किया। इसमें डीएम के साथ अपनी फोटो दर्शा दी। इसी तरह डीएम के साथ एक और फोटो एडिट कर उसने बना ली थी। एसपी नीरज कुमार जादौन ने बताया कि जांच में दोनों फोटो एडिट कर तैयार किए जाने की बात खुद हरिकेश पांडेय ने बताई है।
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फ्लैश लाइट लगी कार से मिलने पहुंचता था
प्रतापगढ़ में हरिकेश पांडेय का बेहतरीन मकान बना है। इस मकान के एक कमरे को उसने आईएएस अफसर के कार्यालय जैसा तैयार कर रखा है। इसकी जानकारी भी पुलिस को विवेचना के दौरान मिली। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि हरिकेश अपनी कार की छत पर लाल नीली फ्लैश लाइट भी लगाए रहता था। इसी कार से वह उन्नाव भी संबंधित अधिकारी से मुलाकात करने गया था।
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लखनऊ में पीओ पद पर तैनात हैं महिला अधिकारी
इसी कार से वह उन्नाव भी संबंधित अधिकारी से मुलाकात करने गया था। पुलिस ने यह कार 20 जनवरी को ही पकड़ ली थी, लेकिन इसे गोपनीय रखकर पूरे मामले की जांच की जा रही थी। एसपी नीरज कुमार जादौन के मुताबिक मैट्रिमोनियल साइट के जरिए हरिकेश की मुलाकात एक महिला बैंक अधिकारी से भी हुई थी। महिला अधिकारी लखनऊ में पीओ के पद पर तैनात हैं। हालांकि, ठगी की कोशिश होते ही उसे हकीकत पता चल गई। उक्त महिला अधिकारी ने पूरे मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की थी।
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