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    परीक्षा पे चर्चा: सही पोषण जरूरी – ‘जैसा अन्न वैसा मन’

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    परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत छात्रों के साथ विशेषज्ञों का संवाद जारी है। इसी क्रम में, 14 फरवरी (शुक्रवार) को सुबह 10 बजे चौथा एपिसोड प्रसारित हुआ। इस एपिसोड में प्रसिद्ध न्यूट्रिशन विशेषज्ञ शोनाली सब्बरवाल, रुजुता दिवेकर और खाद्य किसान रेवंत हिमतसिंगका ने छात्रों से स्वस्थ खान-पान, नींद और समग्र स्वास्थ्य पर चर्चा की।

    इन विशेषज्ञ चर्चाओं का उद्देश्य छात्रों में तनावमुक्त जीवनशैली को बढ़ावा देना और उन्हें स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाली जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

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    ब्रेन को क्रंच पसंद

    शोनाली ने कहा कि अगर आप कॉफी पी रहे हैं, तो उसे ग्रीन टी से बदलें। अगर आपको रिलैक्स करना है, तो बीटरूट जूस का सेवन करें। पढ़ाई के दौरान ब्रेन को क्रंच पसंद आता है, इसी कारण हम चिप्स खाते हैं। लेकिन आप घर पर शकरकंदी के चिप्स बना सकते हैं। शुगर क्रेविंग के लिए डार्क चॉकलेट खाएं, लेकिन सीमित मात्रा में। वहीं, रुजुता ने बताया कि हाइड्रेट रहने के लिए आप छाछ का सेवन कर सकते हैं।

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    जंक फूड से बचने के तरीके

    कार्यक्रम के दौरान रेवंत ने छात्रों को सुझाव दिया कि अगर आप पैकिंग पर दिए गए लेबल को ध्यान से पढ़ने लगेंगे, तो आपको यह आसानी से समझ में आ जाएगा कि क्या खाना सही है और क्या नहीं। अगर आपको जंक फूड का मन कर रहा है, तो सुबह के समय ताजे हरे पत्तेदार सब्जियां खाएं। इसके अलावा लंच, ब्रेकफास्ट या डिनर के बीच में नट्स का सेवन करें और सुबह-सुबह ताजे फल खाएं।

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    शोनाली ने बताया कि अगर तनाव के कारण कब्ज की समस्या हो रही है, तो आप केले और दही-चीनी का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए शारीरिक गतिविधियां करना बेहद जरूरी है। सिर्फ एक जगह बैठकर पढ़ाई न करें। अगर आप आधे घंटे के लिए भी खेल कूद करेंगे, तो आपका पोस्चर सही रहेगा। आयु, वायु और पैर की एक्सरसाइज से शरीर स्वस्थ रहता है। यानी थोड़ा वॉक करने से आपकी सेहत बेहतर होती है और जीवन में खुशी भी आती है।

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    रुजुता ने बताया कि जैसे एग्जाम में अलग-अलग सब्जेक्ट होते हैं, वैसे ही आपके खाने में भी विविधता होनी चाहिए। एनर्जी ड्रिंक से तनाव बढ़ता है, इसलिए आप इसकी जगह केला खा सकते हैं। साथ ही, आपकी डाइट में चावल भी शामिल होना चाहिए। शोनाली ने कहा कि आप दही और चीनी का सेवन कर सकते हैं और पैक्ड फूड से जितना हो सके, बचने की कोशिश करें।

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    मीठा खाने की इच्छा को कैसे नियंत्रित करें?

    परीक्षा पे चर्चा का कार्यक्रम शुरू हो गया हैं। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट शोनाली ने छात्रों को बताया कि पहले जो भी हम खाते थे, वह सभी सही था, लेकिन आजकल खाने से पहले हमें सोचने की आवश्यकता पड़ती है। वहीं, रेवंत ने कहा कि जब उन्हें स्ट्रेस होता था, तब वह मीठा खाते थे। उनका सुझाव है कि बेहतर यह है कि आप घर का बना खाना खाएं। रुजुता ने कहा कि बच्चों को शुगर से दूर रहना चाहिए और इसके बजाय उन्हें मिलिट्स, ब्राउन राइस जैसे स्वस्थ विकल्प खाने चाहिए। खासतौर पर, सुबह के भोजन में मिलिट्स का होना जरूरी है।

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