• Sat. Feb 22nd, 2025

    दिल्ली-बिहार से तिब्बत तक 17 घंटे में 10 भूकंप, आखिर जमीन के अंदर क्या गतिविधि चल रही है?

    delhi earthquake

    नई दिल्ली:
    दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह भूकंपीय गतिविधि के तहत जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनका केंद्र खुद दिल्ली में बताया जा रहा है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4 मापी गई, और यह सुबह 5:37 बजे आया. तेज झटकों की वजह से इमारतें हिल गईं, जिससे घबराए लोग घरों से बाहर निकल आए.

    Also Read: शेर की तरह दहाड़ लगाकर Pushpa 2 के रिकॉर्ड को चकनाचूर कर देगा छावा

    पिछले 13 घंटों में तिब्बत से लेकर दिल्ली और बिहार तक कुल 10 भूकंप दर्ज किए गए हैं. इतनी जल्दी-जल्दी धरती के हिलने की वजह क्या है? आखिर पृथ्वी के अंदर ऐसी कौन-सी हलचल हो रही है, जिससे लगातार भूकंप आ रहे हैं?

    तिब्बत में 16 फरवरी को दोपहर 3:52 बजे 3.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. इसके बाद कुछ ही घंटों में अरुणाचल प्रदेश, तिब्बत, इंडोनेशिया और भारत के अन्य हिस्सों में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं.

    Also Read: आपत्तिजनक टिप्पणी मामला: रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

    तिब्बत से दिल्ली तक 13 घंटों में 10 बार भूकंपीय गतिविधि से हिली धरती!

    तिब्बत में 16 फरवरी, रविवार को अलग-अलग समय पर कई भूकंप के झटके दर्ज किए गए। पहला झटका दोपहर 3:52 बजे महसूस हुआ, इसके बाद 8:59 बजे दूसरा, 9:58 बजे तीसरा और 11:59 बजे चौथा झटका आया। इन भूकंपों की तीव्रता 3.5 से 4.5 के बीच रही। लगातार झटकों के कारण तिब्बत के लोग भय और दहशत में हैं. बीते कुछ घंटों में लगातार भूकंप आने से क्षेत्र में अस्थिरता और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.

    अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले में 16 फरवरी की सुबह 5:42 बजे हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 2.8 रही और गहराई लगभग 10 किलोमीटर थी. हालांकि, इस भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन हल्की कंपन के कारण लोग घबरा गए.

    Also Read: एशिया मिक्स्ड चैंपियनशिप 2025: भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर

    बीती रात 11:16 बजे बंगाल की खाड़ी में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई 35 किलोमीटर थी। वहीं, आज सुबह दिल्ली में भी भूकंप गतिविधि के झटके महसूस किए गए. इसका केंद्र नई दिल्ली में था और गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी, जिससे दिल्ली-एनसीआर में कंपन ज्यादा महसूस किया गया। यह भूकंप 28.59° उत्तरी अक्षांश और 77.16° पूर्वी देशांतर पर स्थित था.

    Also Read: शेयर बाजार में गिरावट से स्टार्टअप्स को झटका, 23% तक गिरे शेयर

    दिल्‍ली में क्‍यों आया भूकंप? 

    भूवैज्ञानिकों बताते हैं कि दिल्ली हिमालय के करीब स्थित है. हिमालय के करीब होने के कारण दिल्‍ली एक ‘भूकंपीय क्षेत्र’ माना जाता है. हिमालय भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से बना है, जिसके कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप गतिविधि आते हैं. दिल्ली में कई भ्रंश रेखाएं( Fault Lines) हैं, जो पृथ्वी की सतह में दरारें हैं. जब इन भ्रंश रेखाओं के साथ तनाव जमा होता है, तो भूकंप आ सकता है. दिल्‍ली में आज आया भूकंप इन भ्रंश रेखाओं में आया तनाव ही हो सकता है. इसके अलावा दिल्ली की मिट्टी रेतीली और जलोढ़ है, गतिविधि के दौरान अस्थिर हो सकती है और इमारतों को नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिए कहा जाता है कि दिल्‍ली में यदि तेज भूकंप आया, तो भारी नुकसान हो सकता है.

    Also Read: विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) का तीसरा सीजन आज से:ओपनिंग मैच में बेंगलुरु का सामना गुजरात से

    भूकंप के किस जोन में आता है दिल्‍ली?

    भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है- जोन 2, जोन 3, जोन 4 और जोन 5. इनमें से जोन 5 सबसे खतरनाक जोन है, जहां काफी बड़े-बड़े भूकंप आने का खतरा रहता है. वहीं, जोन 2 सबसे कम खतरनाक माना जाता है. जहां तक दिल्ली की बात है, तो ये जोन 4 में आता है. इसका मतलब है कि यहां भूकंप का खतरा बना रहता है. भूकंपीय क्षेत्र होने के नाते दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक हैं. जोन 4 में आने वाले क्षेत्रों में भूकंप का खतरा अधिक होता है. इसलिए दिल्‍ली के बारे में कहा जाता है कि अगर यहां तीव्र गति का भूकंप आया, तो काफी भारी नुकसान हो सकता है.

    Also Read: भगदड़ के बाद रेलवे का फैसला: नई दिल्ली के एक ही प्लेटफॉर्म से चलेंगी सभी प्रयागराज स्पेशल ट्रेनें, जानें एंट्री पॉइंट

    Share With Your Friends If you Loved it!
    6 thoughts on “दिल्ली-बिहार से तिब्बत तक 17 घंटे में 10 भूकंप, आखिर जमीन के अंदर क्या गतिविधि चल रही है?”

    Comments are closed.