दक्षिण भारतीय फिल्मों के सुपरस्टार और तमिलगा वेत्री कझगम के अध्यक्ष विजय एक नए विवाद में घिर गए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) ने बुधवार को उनके खिलाफ फतवा जारी किया और मुस्लिम समुदाय से उनके समर्थन से दूर रहने की अपील की। AIMJ के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आरोप लगाया कि विजय ने अपनी इफ्तार पार्टी में जुआरियों और शराब पीने वालों को आमंत्रित कर मुस्लिमों की छवि को ठेस पहुंचाई है।
रजवी ने आगे कहा कि विजय ने भले ही मुस्लिमों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखने की कोशिश की हो और एक राजनीतिक पार्टी भी शुरू की हो, लेकिन उनकी फिल्मों में अक्सर मुसलमानों को आतंकवादी के रूप में नकारात्मक तरीके से दिखाया गया है। इन्हीं कारणों से उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है।
विजय से नाराज हैं सुन्नी मुसलमान
मौलाना ने बताया “उनकी इफ्तार पार्टी में जुआरियों और शराब पीने वालों को आमंत्रित किया गया था। इन सब के कारण तमिलनाडु के सुन्नी मुसलमान उनसे नाराज हैं। उन्होंने फतवा मांगा। इसलिए, मैंने अपने जवाब में फतवा जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मुसलमानों को विजय के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए।”
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वाई सिक्योरिटी मांगने से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब विपक्षियों ने आरोप लगाया कि टीवीके ने केंद्र से विजय के लिए वाई-सिक्योरिटी मांगी, क्योंकि उन्हें डर था कि अभिनेता को “मुसलमानों से खतरा” है। वीसीके के प्रवक्ता वन्नियारसु ने कहा, “विजय ने अपनी फिल्मों ‘काठी’ और ‘बीस्ट’ में मुसलमानों को गलत तरीके से दिखाया है। इसलिए, विजय और टीवीके को लगा कि अभिनेता को मुसलमानों से खतरा हो सकता है और उन्होंने गृह मंत्रालय से सुरक्षा मांगी।” हालांकि, टीवीके और सहयोगी तमिलनाडु मुस्लिम लीग ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह डीएमके और उसके सहयोगियों की टीवीके से मुसलमानों को अलग करने की एक चाल है।
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