भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के एक हालिया अध्ययन में ओडिशा के कुछ जिलों में लिथियम की उपस्थिति के संकेत मिले हैं, जिसकी जानकारी रविवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। गौरतलब है कि लिथियम एक महत्वपूर्ण धातु है, जिसका व्यापक उपयोग सीसा, एल्यूमीनियम उत्पादों और बैटरियों के निर्माण में किया जाता है। अधिकारी ने यह भी बताया कि इससे पहले लिथियम के भंडार कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में पाए गए थे।
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ओडिशा में लिथियम की संभावित उपस्थिति पर जीएसआई का प्रारंभिक आकलन
जीएसआई के उप महानिदेशक पंकज कुमार ने कहा, “ओडिशा में लिथियम की मौजूदगी के कुछ संकेत मिले हैं, लेकिन हम शुरुआती चरण में हैं और निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते। पूर्वी घाट, खासकर नयागढ़, में कुछ संकेत देखे गए हैं।” यह बयान उन्होंने कोणार्क में राष्ट्रीय खान मंत्रियों के सम्मेलन से पहले दिया। एक अधिकारी ने कहा, “अगर लिथियम के भंडार मिलते हैं, तो ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण इकाइयों के लिए यह महत्वपूर्ण हो सकता है।”
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ओडिशा में खनिज सर्वेक्षण के लिए ड्रोन का उपयोग
केंद्रीय खान सचिव वी एल कांता राव ने बताया कि जीएसआई ओडिशा में खनिज भंडारों के सर्वेक्षण के लिए ड्रोन और अन्य आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि लिथियम और तांबे जैसे खनिजों की खोज के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी शामिल की गई है। वी एल कांता राव ने कहा, “ड्रोन तकनीक से सर्वेक्षण अब तेज और सरल हो गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रायोगिक तौर पर राजस्थान और ओडिशा के मयूरभंज में दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
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