सार
श्रीलंका के लिए अगले तीन सप्ताह मुश्किल होंगे क्योंकि देश एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत अंतिम ईंधन शिपमेंट इस महीने श्रीलंका पहुंचेगा। लेकिन भविष्य की आपूर्ति के निर्वाह पर फिलहाल कोई संकेत नहीं है जो भारत की सहायता पर निर्भर है। श्रीलंका में ईंधन की कमी इस कदर है कि लोगों को महीनों तक ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वहीं संकट को देखते हुए श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने नागरिकों से ईंधन और गैस का संयम से उपयोग करने का आग्रह किया है।
श्रीलंकाई संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता आर्थिक स्थिरता थी और यह कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से बुद्धिमानी से सोची गई परियोजनाओं को लागू करके ही प्राप्त किया जा सकता है। बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण भोजन, दवा, रसोई गैस और अन्य ईंधन, टॉयलेट पेपर और यहां तक कि माचिस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है।
16 जून को आखिरी डीजल तो 22 जून को आखिरी पेट्रोल शिपमेंट
हम 16 जून को ILC (इंडियन लाइन ऑफ क्रेडिट) के तहत आखिरी डीजल शिपमेंट और 22 जून को आखिरी पेट्रोल शिपमेंट की उम्मीद कर रहे हैं। श्रीलंका की ईंधन खरीद पूरी तरह से आईएलसी पर निर्भर है। शुरू में 500 मिलियन अमरीकी डालर की क्रेडिट लाइन जिसे बाद में 200 मिलियन अमरीकी डालर के साथ पूरा किया गया था।