कालकाजी सीट पर चुनावी मुकाबला बहुत ही रोमांचक हो गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार अलका लांबा के जोशीले प्रचार ने इस सीट को और भी दिलचस्प बना दिया है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में जहां नई दिल्ली सीट सबसे तगड़े मुकाबले वाली मानी जा रही है, वहीं कालकाजी सीट भी दूसरे नंबर पर है। यहां से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी चुनाव लड़ रही हैं, और उनका सामना भारतीय जनता पार्टी के रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा से है।
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कालाका जी सीट पर 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप उम्मीदवार आतिशी ने 11,393 वोटों के अंतर से बीजेपी प्रत्याशी धर्मवीर सिंह को हराया था| आतिशी को 52.28% वोट मिले तो धर्मबीर सिंह को 41.63% हासिल हुए कांग्रेस उम्मीदवार शिवानी चोपड़ा सिर्फ 4,965 वोटों (4.64%) के साथ तीसरे स्थान पर रहीं |आतिशी को 2020 में55,897 वोट मिले थे| जो 2015 में AAP के अवतार सिंह को मिले वोट से सिर्फ 793 अधिक हैं इसी अवधि में कांग्रेस को 8,587 वोटों का नुकसान हुआ, जबकि बीजेपी 11,269 वोटों का फायदा हुआ था. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से 12,000 वोटों की बढ़त ली थी
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कालकाजी सीट में कैसा रहा है कांग्रेस-बीजेपी-आप का हाल
कालका जी से बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी पर अकसर जिह्वा के बहक जाने का आरोप लगता रहा है| पर उनके माफी मांगने का अंदाज अलहदा है| इसलिए लोग जल्दी ही उनकी बातों को भूल जाते हैं |रमेश बिधूड़ी ने आतिशी को अपने सरनेम बदलने पर घेरा था| इसी तरह उन्होंने एक दिन आतिशी को हिरनी भी बोल दिया था| पर इस तरह के विवाद से रमेश विधूड़ी के वोटर्स पर कुछ प्रभाव नहीं पढ़ने वाला है|अलबत्ता आम आदमी पार्टी के एक नेगेटिव अभियान से जरूर विधूड़ी को फायदा हो सकता है|
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कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र यूनियन का अध्यक्ष रहीं अलका लांबा कांग्रेस की तेज तर्रार नेता रही हैं|वो खुद को दिल्ली की बेटी के रूप में प्रचारित कर रही हैं. कुछ दिनों तक उन्होंने आम आदमी पार्टी में भी समय बिताया है| इसलिए उन्हें आम आदमी पार्टी के सारे पैंतरे पता हैं| दूसरे जिस तरह कांग्रेस आम आदमी पार्टी पर हमलावर हुई है उससे उनका उत्साह बढ़ा है|उनका चुनावी प्रचार कांग्रेस शासन के दौरान, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की उपलब्धियों पर आधारित है| वह बीजेपी की महिला विरोधी मानसिकता और आप की शराब की राजनीति के खिलाफ जमकर हमला करती हैं