भारत में दी गई वंदे भारत ट्रेन सुविधाओं की वजह से लोगों का ट्रेन में सफर करना काफी आसान हो गया है। लेकिन, अधिक किराए के कारण अब भी एक बड़ा वर्ग इस ट्रेन के सफर नहीं कर पा रहा है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने बजट के अनुकूल ‘वंदे साधारण’ ट्रेन लाने का फैसला किया है। इन ट्रेनों का लक्ष्य बजट के प्रति जागरूक यात्रियों को किफायती यात्रा प्रदान करना है।
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वंदे साधारण को ऐसे रूट पर चलाने की तैयारी है, जिन रूटों पर प्रवासी मजदूरों की आवाजाही अधिक है और ट्रेनों में भारी भीड़ रहती है। इसके लिए रेलवे ने सर्वे भी कराया है। चलिए आपको इस ट्रेन की सुविधाओं के बारे में बताते हैं।एक ट्रेन का वीडियो वायरल हो रहा है। यह सोलापुर से मुंबई जाती दिख रही है। हालांकि, भारतीय रेलवे ने इसे कोई नाम नहीं दिया है, लेकिन लोग इस ट्रेन को ‘वंदे भारत साधारण’ कह कर बुला रहे हैं।
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लगाए जाएंगे कुल 24 कोच
रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, चेन्नई की इंटेग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में इस ट्रेन का निर्माण शुरू हो गया है। अगले कुछ महीने में यह तैयार हो जाएगा। सभी सेंकेंड क्लास डिब्बे इसमें होंगे। इसलिए इसका किराया भी कम होने का अनुमान है। इन ट्रेनों में 24 एलएचबी कोच और दो इंजन होंगे।
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मिलेंगी वंदे भारत जैसी सुविधाएं
24 एलएचबी ट्रेन कोचों में यात्री सूचना प्रणाली, चार्जिंग पॉइंट और बायो वैक्यूम शौचालय होंगे। सुरक्षा के लिए इसमें सीसीटीवी कैमरा भी होगा। साथ ही ऑटोमैटिक दरवाजे होंगे। मेल और एक्सप्रेस की तुलना में इन ट्रेनों की स्पीड ज्यादा होगी और स्टॉपेज कम होंगे। वंदे भारत की तरह, इसमें ऑटोमेटिक दरवाजे होंगे, जो ट्रेनों के चलने से पहले बंद हो जाएंगे।
दोनों सिरों पर इलेक्ट्रिक इंजन हैं। दोनों ओर इंजन के साथ पुश-पुल तकनीक से आरामदायक यात्रा सुनिश्चित होगी। ट्रेन में लगभग 1,800 यात्री सफर कर सकेंगे। इसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा है।
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रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 102 वंदे भारत बनाने की योजना बनाई है। साल 2022-2023 के दौरान 35 और साल 2023-2024 के बीच 67 ट्रेनों का निर्माण किया जाना है। इनमें से 75 वंदे भारत चेयर कार के रूप में और शेष स्लीपर के रूप में बनाने की योजना है।
भारतीय रेलवे ने तीन अलग-अलग तकनीकों की वंदे भारत ट्रेनों के 400 स्लीपर बनाने की भी योजना बनाई है।
नई दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी।
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