भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी UIDAI के अनुसार, आधार धारकों की पहचान, उनके आधार संख्या और किसी भी जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक डाटा सहित, Face Authentication का उपयोग करके केंद्रीय पहचान डाटा रिपॉजिटरी में स्टोर की जा सकती है. आधार धारकों को अब अपने स्थानीय आधार नामांकन केंद्र पर जाकर आइरिस और फ़िंगरप्रिंट स्कैन का उपयोग करके फिजिकल पहचान करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यूआईडीएआई ने कहीं से भी और किसी भी समय मोबाइल ऐप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन करने के लिए “आधार फेसआरडी” नाम का एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. इस वेरिफिकेशन के माध्यम से, आधार धारक की वास्तविक पहचान को मान्य किया जाता है और यूआईडीएआई के डाटाबेस में दर्ज किया जाता है जिसे आधार नॉमिनेशन के समय कैप्चर किया गया था.
UIDAI ने ट्वीट के जरिए कहा, “निवासी अब UIDAI RDApp डाउनलोड करके #आधार फेस ऑथेंटिकेशन फीचर का उपयोग कर रहे हैं, जिसका उपयोग #जीवन प्रमाण, PDS, छात्रवृत्ति योजनाओं, COWIN, किसान कल्याण योजनाओं जैसे विभिन्न आधार प्रमाणीकरण ऐप के लिए किया जा सकता है”. यूआईडीएआई ने एक वीडियो ट्वीट के माध्यम से कहा, “आधार फेसआरडी ऐप फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके आधार प्रमाणीकरण के लिए लाइव व्यक्ति के चेहरे को कैप्चर करता है.” UIDAI ने आगे कहा, “आधार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को यूआईडीएआई द्वारा आंतरिक रूप से विकसित किया गया है.”
आधार फेसआरडी के बेनिफिट
यूआईडीएआई द्वारा दी गई डिटेल के अनुसार, आधार फेसआरडी के माध्यम से आधार धारक विभिन्न आधार एप्लीकेशंस के लिए फेस ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर सकते हैं जैसे:
- जीवन प्रमाण
- राशन वितरण (पीडीएस)
- कोविन वैक्सिनेशन ऐप
- छात्रवृत्ति योजनाएं
- किसान कल्याण योजनाएं