बिहार के बेगूसराय जिला की एक अदालत में बुधवार को एक अजीब-ओ गरीब मामला सामने पेश आया, जब एक दोमुंहा सांप के संरक्षण को लेकर एक शख्स सांप को लेकर अदालत में आ गया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार झा की अदालत में उक्त सांप को एक कंटेनर में पेश किया गया जिसके बाद न्यायाधीश के निर्देशानुसार अदालत में मौजूद वन विभाग के अफसर सांप को सुरक्षित रख-रखाव के लिए अपने साथ ले गए.
संरक्षण के लिए वन विभाग को सौंपा गया सांप
न्यायाधीश ने दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों को बताया कि बरौनी प्रखंड के नींगा गांव के पारा विधिक स्वयंसेवक मुकेंद्र पासवान ने एक ग्रामीण को दो मुंह वाला सांप को पकड़े देखा था, जिसकी जानकारी अदालत को दी गई. उन्होंने कहा कि सांप के दुर्लभ प्रजाति के होने के मद्देनजर न्यायाधीश ने खुद स्वयंसेवक को उसके (सांप के) संरक्षण के आदेश के लिए अदालत में लाने को कहा. स्वयंसेवक उक्त सांप को एक बड़े डब्बे में डाल कर न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जिसके बाद न्यायाधीश ने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी और उसे कोर्ट में तलब किया. अदालत पहुंचे वन विभाग के अफसरों ने उक्त सांप के सुरक्षित रख-रखाव सुनिश्चित करने के न्यायाधीश के निर्देश के बाद उसे अपने साथ ले गए.
यौन शक्ति बढ़ाने के लिए इसकी विदेशों में होती है तस्करी
वन विभाग के अफसरों ने बताया कि इस सांप की विदेशों में बहुत ज्यादा मांग है. खासकर चीन में यह माना जाता है कि इस सांप के मांस से यौनशक्ति में भारी वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि यह सांप शांत स्वभाव का होता है. यह जहरीला नहीं होता है और इंसानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. यह कीड़े-मकोड़े और चूहे को अपना शिकार बनाता है. इस तरह से यह खेतों के चूहे को खाकर किसानों की मदद करता है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता ये है कि यह किसी भी खतरे के समय अपने पूंछ को भी मुंह की तरह ही उठा सकता है, जिसकी वजह से इसे लोग दोमुंहा सांप कहते हैं.