महाराष्ट्र (Maharashtra) में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी (BJP) ने अपने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा फेरबदल किया है। पार्टी की तरफ से अब प्रदेश इकाई की कमान चंद्रशेखर बावनकुले को सौंपी गई है। जबकि मुंबई का अध्यक्ष पूर्व मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार को बनाया गया है। बात दें कि शेलार इसके पहले भी मुंबई इकाई की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। महाराष्ट्र की शिंदे- फडणवीस सरकार की स्थापना के एक महीने बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। ऐसे में दोनों ही दलों की तरफ से नौ- नौ विधायकों को मंत्री बनाया गया है। फिलहाल चंद्रशेखर बावनकुले बीजेपी की तरफ से विधान परिषद के सदस्य हैं। जबकि आशीष शेलार मुंबई से विधायक हैं। इसके पहले मंगल प्रभात लोढ़ा मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष थे।
कौन हैं आशीष शेलार ?
अशीष शेलार फिलहाल विधानसभा में पार्टी की तरफ से मुख्य यानी चीफ व्हिप हैं। इसके पहले देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में पूर्व स्कूल एजुकेशन, स्पोर्ट्स और युवक कल्याण मंत्री रह चुके हैं। वो दो बार यानी सात साल तक लगातार मुंबई बीजेपी के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। साइंस में ग्रेजुएट और वकालत की तालीम हासिल कर चुके बांद्रा वेस्ट से विधायक शेलार मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में वो दोनों बार 26 हजार वोटों से जीत कर चुके हैं।
साल 2017 में संपन्न हुए बीएमसी चुनावों में भी आशीष शेलार में अहम भूमिका निभाते हुए 33 सीटों से 83 सीटों तक का सफर पार्टी को करवाया था। यह चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था। साल 2012 के जुलाई माह में वो विधानपरिषद चुनाव के दौरान निर्विरोध एमएलसी चुने गए थे।
कौन हैं चंद्रशेखर बावनकुले
चंद्रकांत पाटील के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया गया है। वह नागपुर से बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं। उन्हें नितिन गडकरी का नजदीकी भी माना जाता है। फिलहाल वो विधान परिषद में बीजेपी के विधायक हैं। बावनकुले फडणवीस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
चंद्रशेखर बवनकुले महाराष्ट्र में पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। गोपीनाथ मुंडे के बाद उनकी बेटी पंकजा मुंडे को पिछड़े वर्ग की एक बड़ी नेता के रूप में पहचान मिली है। इलाके पंकजा मुंडे फडणवीस के खिलाफ बगावत कर चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी को उन्हीं की टक्कर के एक पिछड़े वर्ग से मजबूत चेहरा चाहिए था। बावनकुले इस काम के लिए बिल्कुल उपयुक्त पाए गए हैं।