लंबी खींचतान और कोर्ट की कार्रवाई के बाद आखिरकार ट्विटर अब एलन मस्क का हो गया है। ट्विटर अपने हाथ में आते ही मस्क ने सीईओ पराग अग्रवाल और 4 दूसरे बड़े अधिकारियों बाहर का रास्ता दिखा दिया। जिन अधिकारियों को निकाला गया, उनमें सीएफओ नेड सेगल और पॉलिसी हेड व चीफ लीगल ऑफिसर विजया गाड्डे भी शामिल हैं। मस्क की इस कार्रवाई पर सोशल मीडिया में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जिस विजया गाड्डे को मस्क ने ट्विटर से निकाला, उनसे कई विवाद जुड़े हुए हैं। एक मामले में तो उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी। आइए जानते हैं कि वह मामला क्या था।
यह था विवाद
इस विवाद में ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी भी शामिल थे। दरअसल जैक डोर्सी भारत की यात्रा पर थे। इस दौरान एक कार्यक्रम में वे एक प्लेकार्ड पकड़े हुए दिखे। इस प्ले कार्ड पर लिखा था, ‘ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को समाप्त करों’ (Smash Brahmanical Patriarchy)। यह फोटो तेजी से वायरल हुई और इसने विवाद का रूप ले लिया। इस मामले के लिए विजया गाड्डे को जिम्मेदार माना गया।
विजया गाड्डे मस्क के निशाने पर पहले से थी
पराग अग्रवाल ही नहीं ट्विटर की लीगल हेड विजया गाड्डे भी एलन मस्क की आंखों की किरकिरी बन गई थीं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने डॉनल्ड ट्रंप के ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया था। इसमें विजया गाड्डे की भूमिका को अहम माना गया। मस्क ने कहा था कि वह ट्रंप के अकाउंट को फिर से बहाल करेंगे। विजया गाड्डे ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लैपटॉप पर की गई एक स्टोरी की वजह से न्यूयॉर्क पोस्ट के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था। इसकी आलोचना एलन मस्क ने भी की थी। विजया गाड्डे ने 2011 में ट्विटर जॉइन किया था। यहां उनके पास पॉलिसी, सेफ्टी इशूज और लीगल डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी थी। साल 2014 में उन्हें ट्विटर की एक्जीक्यूटिव टीम की सबसे ताकतवर महिला बताया गया था।